अनुच्छेद 370 और कश्मीर पर यूएनएससी, मुस्लिम जगत का समर्थन पाना आसान नहीं है: कुरैशी
By भाषा | Updated: August 13, 2019 17:12 IST2019-08-13T17:12:51+5:302019-08-13T17:12:51+5:30
कुरैशी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में मीडिया से कहा कि पाकिस्तानियों को यूएनएसी सदस्यों का समर्थन हासिल करने के लिए ‘‘नया संघर्ष’’ शुरू करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आपको (लोगों को) मुगालते में नहीं रहना चाहिए। कोई भी वहाँ (यूएनएससी में) हाथों में माला लिए खड़ा नहीं होगा ... कोई भी वहाँ आपका इंतजार नहीं करेगा।’’

रूस ने हाल में जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने देशवासियों को ‘मुगालते’ में नहीं रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने संबंधी भारत के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और मुस्लिम जगत का समर्थन हासिल करना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा।
कुरैशी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में मीडिया से कहा कि पाकिस्तानियों को यूएनएसी सदस्यों का समर्थन हासिल करने के लिए ‘‘नया संघर्ष’’ शुरू करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आपको (लोगों को) मुगालते में नहीं रहना चाहिए। कोई भी वहाँ (यूएनएससी में) हाथों में माला लिए खड़ा नहीं होगा ... कोई भी वहाँ आपका इंतजार नहीं करेगा।’’
भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताता आ रहा है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने का कदम उसका आंतरिक मामला है और उसने पाकिस्तान को इस ‘‘सच्चाई को स्वीकार’’ करने की सलाह दी।
किसी मुस्लिम देश का नाम लिये बगैर कुरैशी ने कहा, ‘‘उम्मा (इस्लामी समुदाय) के संरक्षक भी अपने आर्थिक हितों के कारण कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के विभिन्न लोगों के अपने-अपने हित हैं।
भारत एक अरब से (अधिक) लोगों का बाजार है ... बहुत से लोगों ने (भारत) निवेश किया है। हम अक्सर उम्मा और इस्लाम के बारे में बात करते हैं, लेकिन उम्मा के संरक्षकों ने भी वहां (भारत) निवेश किया हुआ है और उनके अपने हित हैं।’’
रूस ने हाल में जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया था और वह ऐसा करने वाला यूएनएससी का पहला सदस्य बना था। उसने कहा था कि दर्जा में परिवर्तन भारतीय संविधान के ढांचे के भीतर है।