Artemis 1 mission: नासा के नए चंद्र रॉकेट में शनिवार को एक और खतरनाक ईंधन रिसाव हुआ जिससे प्रक्षेपण नियंत्रकों को परीक्षण डमी के साथ चंद्रमा की कक्षा में ‘क्रू कैप्सूल’ भेजने का अपना प्रयास दूसरी बार टालने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इससे पूर्व सोमवार किए गए पहले प्रयास में हाइड्रोजन ईंधन रिसाव की वजह से समस्या पैदा हुई थी। नासा का यह अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है जो 322 फुट लंबा है। शनिवार को दूसरी बार पैदा हुई समस्या परेशान करने वाली है। प्रक्षेपण निदेशक चार्ली ब्लैकवेल-थॉम्पसन और उनकी टीम ने तीन से चार घंटे के असफल प्रयास के बाद आखिरकार उलटी गिनती बंद कर दी।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है कि अगला प्रयास कब किया जा सकता है। यदि चंद्रमा की कक्षा में परीक्षण डमी के साथ ‘क्रू कैप्सूल’ भेजने का काम सफलतापूर्वक हो जाता है तो 2024 में अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की कक्षा में उड़ान भर सकेंगे और 2025 में वे धरती पर आएंगे। मानव ने पिछली बार चंद्रमा पर 50 साल पहले चहलकदमी की थी।