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पुरुषों की 'मर्दानगी' का मजाक बनाने वाली Pinching Hand इमोजी पर बवाल, महिलाओं के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

By अमित कुमार | Updated: June 12, 2021 13:58 IST

south korea anti feminist movement: दक्षिण कोरिया की महिलाएं इन दिनों पिंचिंग हैंड इमोजी का इस्तेमाल जमकर कर रही हैं। इस इमोजी के कारण पुरुषों का एक बड़ा वर्ग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।

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ठळक मुद्देमहिलाओं द्वारा शुरू किए गए #MeToo अब रिवर्स मोड में आ गया है।दक्षिण कोरिया में पुरुष अब महिलाओं से खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।वह सड़कों पर इस अभियान में हिस्सा लेकर अपनी बात देश के सामने रख रहे हैं।

south korea anti feminist movement: कोरियाई प्रायद्वीपीय देश दक्षिण कोरिया में इन दिनों पुरुष सड़कों पर हैं। हॉलीवुड में यौन शोषण के ख़िलाफ़ मीटू अभियान का आगाज हुआ था। इसके बाद कई देशों में इस कैंपन में लोगों ने हिस्सा लिया। भारत में भी महिलाओं ने #METOO अभियान के तहत अपने साथ हुए योण शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया था। लेकिन साउथ कोरिया में अब रिवर्स मीटू का आगाज हो चुका है।

पुरुषों ने बड़ी मात्रा में इस अभियान में भाग लेना शुरू कर दिया है। दरअसल, महिलाओं द्वारा पिंचिंग हैंड (Pinching Hand) इमोजी के इस्तेमाल के बाद पुरुषों ने इसके खिलाफ मी टू अभियान चला दिया है। इस मुद्दे पर पिछले कुछ समय से काफ़ी आवाज़ उठ रही है। वैसे तो पिंचिंग हैंड को हिंदी में 'चुटकी भर' कहा जाएगा लेकिन इमोजी की बनावट ने अर्थ का अनर्थ कर दिया है। 

इस इमोजी ने मर्द की मर्दानगी को मजाक बनाते हुए उसे नामर्द बताने का काम किया है। इमोजी का इस्तेमाल जिस तरह से सोशल मीडिया और बाकी जगहों पर किया जा रहा है, वह पुरुष की मर्दानगी पर सवाल खड़े करती है।  वैसे तो दक्षिण कोरिया को हर तरह से संपन्‍न, विकसित और खुली सोच वाला देश माना जाता है। लेकिन महिलाओं द्वारा पुरुष के अंग को निशाना बनाना गलत है। लगातार इसके खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। 

युवा पुरुषों का एक बड़ा वर्ग महिलाओं के इस व्यवहार से खुद को पीड़ित महसूस कर रहा है। उनकी शिकायत है कि पुरुषों को गलत तरीके से बदनाम किया जा रहा है। झूठा आरोप लगाते हुए उनका मजाक उड़ाया गया है। बता दें कि ज्‍यादातर विकासशील और गरीब देशों में पुरुष प्रधान समाज देखा जाता है। दक्षिण कोरिया की गिनती भी उन्हीं देशों में की जाती है। यहां भी दूसरे देशों की तरह महिलाएं अपने अधिकार के लिए आवाज उठाती रही हैं।

टॅग्स :# मी टूदक्षिण कोरिया
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