मॉस्को: यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच ऐसी रिपोर्ट सामने आ रही है कि रूस में फेसबुक सहित कई मीडिया वेबसाइट आंशिक रूप से डाउन हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि रूस द्वारा यह कदम यूक्रेन में हो रही जंग के खिलाफ आवाज उठाने वालों की जुबान पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, AFP के पत्रकार मॉस्को में अपना फेसबुक अकाउंट नहीं खोल पा रहे हैं।
रूस में नहीं खुल रहीं ये वेबसाइट
यही नहीं, इन रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि पत्रकार फेसबुक के साथ-साथ Meduza, Deutsche Welle, RFE-RL और BBC की रूसी-भाषा सेवा की साइटों खोल नहीं पा रहे थे। वहीं, मोनिटरिंग एनजीओ ग्लोबलचेक का भी यही कहना है कि रूस में फेसबुक सहित कई मीडिया वेबसाइटें आंशिक रूप से डाउन थीं।
अपने टेलीग्राम खाते पर स्वतंत्र आउटलेट मेडुज़ा ने कहा कि उसकी साइट रूस में "अपने कुछ यूजर्स" के लिए उपलब्ध नहीं थी, लेकिन उसने यह भी कहा कि उसे ब्लॉक करने के बारे में रूसी अधिकारियों से कोई भी सूचना नहीं मिली थी। पिछले हफ्ते यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के बाद से रूसी अधिकारियों ने स्वतंत्र मीडिया के खिलाफ दबाव बढ़ा दिया है। हालांकि, देश में प्रेस की स्वतंत्रता पहले से ही तेजी से घट रही थी।
कुछ चैनलों को रूस सरकार ने बताया "विदेशी एजेंट"
वहीं, इस हफ्ते के शुरुआत में रूस के अभियोजक जनरल ने एको मोस्किवी रेडियो स्टेशन और स्वतंत्र डोज़हद टीवी चैनल पर बैन लगाने का आदेश दिया था। वे शटडाउन यूक्रेन में युद्ध पर आधिकारिक लाइन से इनकार करने वाले आउटलेट्स के कारण थे। क्रेमलिन के अनुसार, पड़ोसी यूक्रेन में कार्रवाई एक सैन्य अभियान है आक्रमण नहीं। रूस और रूसी वक्ताओं को पश्चिमी देशों के "नरसंहार" से बचाने के लिए ऐसा किया गया है।
बता दें कि हाल ही में रूसी अधिकारियों ने Dozhd सहित तमाम मीडिया आउटलेट्स और दर्जनों मीडिया कर्मियों को "विदेशी एजेंट" नामित किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि रूसी सरकर ने फेक न्यूज़ के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है, जिसके तहत 15 साल तक की जेल की सज़ा पर विचार किया जा रहा है।