वाशिंगटन, 18 अगस्त (एपी) पांच साल तक की प्रशासनिक देरी के बाद बहाउद्दीन मुजतबा और उनकी पत्नी लीसा को उम्मीद थी कि आखिरकार वह 10 साल के अफगान लड़के को इस साल फ्लोरिडा में अपने घर ला पाएंगे, जिसे उन्हें गोद लिया था, लेकिन अफगान सरकार के पतन के साथ ही दंपति के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। संकट भरे इस हालात में दंपति की बेचैनी बढ़ गई है, जो नोमान नाम के लड़के को काबुल से लाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, इससे पहले कि यह मौका खत्म हो जाए। तालिबान के कब्जे के बाद अराजक माहौल में, नोमान और एक अन्य परिवार ने मंगलवार को हवाई अड्डे तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन उन्हें वापस लौटना पड़ा। मुजतबा ने मंगलवार तड़के लड़के और परिवार से बात की और कहा कि उम्मीद है कि वे बुधवार को हवाई अड्डे पर जाने के लिए फिर से प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, "आज सुबह से मेरी आंखों में आंसू हैं और मेरी पत्नी भी रो रही है।मैं वास्तव में उन्हें प्रयास करने और सतर्क रहने अलावा और कुछ नहीं कह सकता था।" गौरतलब है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है, जिससे दुनिया भर में खलबली मची हुई है। इस हालात में मुजतबा जैसे परिवारों के लिए चीजें काफी मुश्किल हो गई हैं क्योंकि उग्रवादी समूह द्वारा अफगान सरकार से गोद लेने के लिए हुए समझौतों को बरकरार नहीं रखना लगभग तय है, इसलिए अमेरिकी दंपति के लिए सबसे अच्छा यही होगा कि जितनी जल्दी हो सके, लड़के को अफगानिस्तान से बाहर निकाला जाए। बहाउद्दीन मुजतबा ने कहा, “एक बार जब वे हवाई अड्डे पर पहुँच जाते हैं, तो बस प्रतीक्षा करना रह जाएगा। लेकिन यह कुछ घंटों या कुछ दिनों के इंतजार की बात है।” नोमान वर्तमान में एक अन्य परिवार के पास है जो वहां से निकलने की कोशिश कर रहा है। मुजतबा ने कहा कि हो सकता है कि वे लड़के को पास के देश में ला सकें। शायद पाकिस्तान में। उसे जहां भी ले जाया जाएगा, वह वहां जल्द पहुंचने और उससे मिलने को तैयार है। मुजतबा ने कहा, "लेकिन पहला मकसद उसे अफगानिस्तान से सुरक्षित बाहर निकालना है।" यह स्पष्ट नहीं है कि अफगानिस्तान से भागने की कोशिश करने वाले लोगों में कितने संभावित दत्तक बच्चे शामिल हैं। मुजतबा की तरह इंडियाना में रहने वाला एक अन्य अमेरिकी परिवार गोद दिलाने वाली एजेंसी के साथ दो साल के लड़के को देश से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है। उत्तरी कैरोलिना के वेक फॉरेस्ट में फ्रैंक एडॉप्शन सेंटर की कार्यकारी निदेशक मैरी किंग कई परिवारों के साथ कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बच्चों को अमेरिका लाने और गोद लेने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए अफगान अदालतों से पूरी तरह से अनुमति मिल गई थी। वे बस अमेरिकी वीजा का इंतजार कर रहे थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में सब कुछ बदल गया। गौरतलब है कि अमेरिका में ऐसे कई कई परिवार हैं, जो अफगानी बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया में थे, लेकिन सरकार के पतन के साथ उनके लिए चीजें काफी मुश्किल हो गई हैं। ये लोग अपने गोद लिए बच्चों को किसी भी तरह हासिल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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