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अमेरिका G-7 देशों के जरिये रूस की ऑयल इकोनॉमी को करना चाहता है ध्वस्त

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 27, 2022 19:42 IST

यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने दक्षिणी जर्मनी में एक अल्पाइन रिसॉर्ट में G-7 नेताओं की बैठक की और उनसे रूस के खिलाफ सहयोग की अपील की।

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ठळक मुद्देG-7 देश यूक्रेन युद्ध के खिलाफ रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए रूसी तेल पर नए मूल्य कैप लगा सकते हैंयूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने G-7 नेताओं से रूस के खिलाफ सहयोग की अपील की

जर्मनी:रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने सोमवार को कहा कि सात समृद्ध लोकतंत्रों का समूह G-7 मंगलवार को यूक्रेन युद्ध के खिलाफ रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए रूसी तेल पर नए मूल्य कैप की योजना को अंतिम रूप देगा।

समाचार एजेंसी 'रायटर्स' के मुताबिक यह घोषणा तब हुई जब व्हाइट हाउस ने कहा कि रूस ने दशकों में पहली बार अपनी संप्रभुता को तोड़ने की कोशिश की है। वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने दक्षिणी जर्मनी में एक अल्पाइन रिसॉर्ट में G-7 नेताओं की बैठक की और उनसे रूस के खिलाफ सहयोग की अपील की।

इस मामले में एक यूरोपीय अधिकारी ने बताया कि ज़ेलेंस्की ने G-7 नेताओं के साथ हुई बातचीत में उनसे सैन्य, आर्थिक और राजनयिक समर्थन की अपील की। G-7 राष्ट्र, जो दुनिया के लगभग आधे आर्थिक संसाधनों का उत्पादन करते हैं, पहले से ही बढ़ती मुद्रास्फीति को रोके बिना रूस पर दबाव को कम कर रहे हैं, जिससे रूस पर इस युद्ध को रोकने के लिए दबाव बनाया जा सके।

अनुमान के मुताबिक G-7 देशों के लगाये प्रतिबंधों के कारण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने काफी भयंकर आर्थिक दिक्कते आ सकती हैं और वो युद्ध रोकने पर मजबूर हो सकते हैं।

इस संबंध में G-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन में बोलते हुए अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “जी-7 नेताओं का दोहरा उद्देश्य पुतिन के राजस्व को सीधे तौर पर प्रभावित करना है, विशेष रूप से ऊर्जा के क्षेत्र में।

व्हाइट हाउस ने इस मामले में एक फैक्ट शीट के हवाले से कहा कि G-7 के नेता यूक्रेन को वित्तीय, मानवीय, सैन्य और राजनयिक सहायता प्रदान करने के लिए “अभूतपूर्व, दीर्घकालिक सुरक्षा प्रतिबद्धता” बनाएंगे, जिसमें यूक्रेन को उन्नत हथियारों को मुहैया करवाना भी एक प्रमुख शर्त है।

जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला है पश्चिमी देशों द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों के कारण रूस की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित हुई है और अब पश्चिमी देशों का मानना है कि नए प्रतिबंधों के जरिये क्रेमलिन को तेल राजस्व से भी वंचित करना है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि G-7 देशों में भारत सहित अन्य देश इस मामले में मिलकर काम करेंगे ताकि पुतिन के तेल राजस्व को सीमित किया जा सके।

मालूम हो कि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और लैंगिक समानता पर वार्ता के लिए G-7 में शामिल होने वाले अतिथि देशों के पांच नेताओं में से एक हैं।

टॅग्स :G-7रूसरूस-यूक्रेन विवादयूक्रेनUkraine
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