लाइव न्यूज़ :

पेंटागन ने कहा- भारत संग रक्षा साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास जारी रखेगा अमेरिका

By भाषा | Updated: October 6, 2023 08:52 IST

1997 में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार लगभग नगण्य था, आज यह 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ऊपर है।

Open in App

वॉशिंगटन: अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकाभारत के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी बनाए रखने का प्रयास जारी रखेगा। पेंटागन के प्रेस सचिव पैट रेडेर ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम रक्षा स्तर पर भारत के साथ संबंधों की काफी सराहना करते हैं। अमेरिका भारत के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी बनाए रखने का प्रयास जारी रखेगा और मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे आप आगे बढ़ता देखेंगे।"

भारत और अमेरिका के बीच 1997 में रक्षा व्यापार लगभग नगण्य था लेकिन आज यह 20 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का है। एक प्रश्न के उत्तर में रेडेर ने कहा कि चीन रक्षा मंत्रालय के लिए "लगातार चुनौती" बना हुआ है। 

उन्होंने कहा, "जब किसी देश की संप्रभुता के संरक्षण तथा अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था की बात आती है तो हम भारत तथा हिंद प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों के साथ अमेरिका की साझेदारी की सराहना करते हैं। इन्ही व्यवस्थाओं के कारण ही कई वर्षों से शांति और स्थिरता बनी हुई है।"

टॅग्स :PentagonचीनभारतIndia
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका