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अफ्रीका के विशेषज्ञों ने साक्ष्य आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया में दिखायी नयी राह

By भाषा | Updated: September 19, 2021 15:56 IST

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(रथ स्टीवर्ट और सिजिवी नेगवाबे, जोहानिसबर्ग विश्वविद्यालय)

जोहानिसबर्ग, 19 सितंबर (द कन्वरसेशन) कोविड-19 महामारी ने अफ्रीकी देशों के समक्ष गरीबी, असमानता और बेरोजगारी सहित कई चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।

इसके समाधान भी मौजूद हैं। लेकिन उन्हें सर्वोत्तम उपलब्ध साक्ष्य पर आधारित होना चाहिए। यह सरकारों और नीति निर्माताओं को यह सुनिश्चित करने की अनुमति देता है कि दुर्लभ संसाधनों को सावधानीपूर्वक, पारदर्शी रूप से आवंटित किया जाए जहां उनका सबसे अच्छा उपयोग हो सके।

दुनिया भर में निर्णय लेने में अनुसंधान के उपयोग को बढ़ाने वाले तंत्र को विकसित करने और समर्थन करने के लिए विशेषज्ञों का एक समुदाय काम कर रहा है। इसे ही साक्ष्य-सुविज्ञ निर्णय लेने की प्रक्रिया कहा जाता है। यह समुदाय कई तरह से काम करता है। उदाहरण के लिए यह उन दृष्टिकोणों को विकसित करता है जो विशिष्ट हस्तक्षेपों की प्रभावशीलता के बारे में साक्ष्य को एकत्रित और विश्लेषण करते हैं। एक उदाहरण कोविड-19 टीकों के संबंध में है। यह शोधकर्ताओं और निर्णय लेने वालों को उन प्रणालियों को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करता है जिनमें वे काम करते हैं। यह अधिक प्रभावी साझेदारी को सक्षम बनाता है।

अफ्रीका का अनुसंधान समुदाय साक्ष्य आधारित सुविज्ञ निर्णय लेने के प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका में है। पूरे महाद्वीप में साक्ष्य दल नीति प्रणालियों के भीतर सवालों का हल कर रहे हैं ताकि वे साक्ष्य प्रदान कर सकें जो उपयोगी है। महामारी के दौरान सुविज्ञ फैसलों के लिए साक्ष्य की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अफ्रीका में वैज्ञानिक समुदाय एकजुट हुआ है। उदाहरण के लिए अफ्रीकी विशेषज्ञों ने महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दुनिया भर के नेता कोविड-19 से निपटने के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध साक्ष्यों को जुटाने के लिए एक साथ आए हैं। यह कुछ उदाहरणों में से एक है।

युगांडा के ‘अफ्रीका सेंटर फॉर रैपिड एविडेंस सिंथेसिस’ के शोधकर्ताओं की एक टीम ने निर्णय लेने वालों के लिए व्यवस्थित रूप से साक्ष्य जुटाए। वे नीति निर्माताओं की जरूरतों को संबोधित करने के लिए समयबद्ध तरीके से किसी मुद्दे पर उपलब्ध सर्वोत्तम ज्ञान को एक साथ लाते हैं। उनके हाल के काम में कोविड-19 के खिलाफ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और स्थानीय लॉकडाउन की शुरुआत पर साक्ष्य प्रस्तुत करना शामिल है। वे सरकारों के लिए उत्तरदायी साक्ष्य सेवाएं प्रदान करने के तरीके में महाद्वीप और उससे आगे समान टीम को तेजी से प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करते हैं।

इथियोपिया में केंद्र सरकार ने साक्ष्य के उपयोग को एक अनिवार्य कार्य घोषित करने का निर्णय लिया है। अब नीति विकास प्रक्रियाओं में साक्ष्य के एकीकरण की आवश्यकता है। दक्षिण अफ्रीका के पश्चिमी केप और गौतेंग प्रांत की सरकारों ने भी निर्णय लेने के लिए डेटा संक्रमण में निवेश किया है। इसने महामारी सहित प्राथमिकताओं के अनुरूप प्रतिक्रियाओं को मजबूत बनाने में भूमिका निभाई है।

साक्ष्य आधारित काम करने वाले अफ्रीका के विशेषज्ञों ने पारंपरिक सीमाओं के पार मजबूत संबंध बनाए हैं। इसने शोधकर्ताओं को जल्दी और प्रभावी ढंग से संगठित करने की अनुमति दी है। यह कोविड-19 के दौरान ‘अफ्रीका एविडेंस नेटवर्क’ के ‘एविडेंस-इनफॉर्मेड डिसीजन-मेकिंग हब’ द्वारा प्रदर्शित किया गया है। निर्णय लेने के साक्ष्य विभिन्न अफ्रीकी संदर्भों से साझा किए गए थे।

ये उदाहरण अफ्रीका के साक्ष्य समुदाय में नीति निर्माताओं, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं की रचनात्मकता और संसाधन जुटाने की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं। इस समुदाय के काम करने के तरीकों की कुछ अन्य विशेषताए भी हैं, जिस पर गौर करना जरूरी है।

साक्ष्य आधार पर काम करने वाले विशेषज्ञ वैश्विक आंदोलन में महाद्वीप की आवाज की वकालत करते हैं। उन्होंने कई अन्य लोगों को अपनी उत्कृष्टता दिखाने का मौका दिया है। उदाहरण के लिए कोविड-19 से निपटने में साक्ष्य-आधारित मार्गदर्शन और वार्षिक अफ्रीका एविडेंस लीडरशिप अवार्ड शामिल हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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