नई दिल्ली:तालिबान ने शनिवार को अमेरिका और अन्य देशों से अफगानिस्तान में उनकी सरकार को मान्यता देने की मांग की.
तालिबान ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ और विदेशों में उनके फंड फंसे रहे तो इससे देश के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी समस्याएं पैदा होंगी.
बता दें कि, अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से तालिबान को किसी भी देश ने औपचारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है.
इस दौरान अफगानिस्तान बेहद गंभीर आर्थिक और मानवीय संकट का सामना कर रहा है लेकिन अफगान संपत्ति का हिस्सा अरबों डॉलर के फंड विदेशों में फंसे हुए हैं.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा कि अमेरिका के लिए हमारा संदेश है कि अगर गैर-मान्यता जारी रही, अफगान समस्याएं जारी रहीं, यह क्षेत्र की समस्या है और दुनिया के लिए एक समस्या बन सकती है.
उन्होंने कहा कि तालिबान और अमेरिका के पिछली बार युद्ध में जाने का कारण यह भी था कि दोनों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं थे.
तत्कालीन तालिबान सरकार द्वारा अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को सौंपने से इनकार करने के बाद 11 सितंबर, 2001 के हमले के बाद 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया था.
मान्यता न मिलने के बीच तालिबान के नेताओं के दुनिया के अलग-अलग देशों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात और बातचीत जारी है.