काबुल: अफगानिस्तान के पू्र्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने दावा किया है कि तालिबान ने नांगरहार प्रांत में एक शादी की पार्टी में बज रहे संगीत को बंद कराने के लिए 13 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। सालेह ने ये दावा शनिवार को किया।
सालेह ने साथ ही पाकिस्तान और आईएसआई पर भी निशाना साधा। सालेह ने ट्विटर पर लिखा, 'तालिबानी ने शादी की पार्टी में संगीत बंद कराने के लिए नांगरहार में 13 लोगों को मार दिया। केवल निंदा करके हम अपना गुस्सा नहीं दिखा सकते हैं। 25 साल तक पाकिस्तान ने उन्हें ट्रेनिंग दी कि वे अफगानिस्तान की संस्कृति को खत्म करें और हमारी मिट्टी पर नियंत्रण के लिए आईएसआई की बुनी हुई कट्टरता थोप सकें।'
सलेह ने आगे लिखा कि मौजूदा शासन बहुत लंबा नहीं चल सकेगा लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि इसके खत्म होने तक लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी।
बता दें कि तालिबान लड़ाकों ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा जमा लिया था। तालिबान शासन में संगीत और गीत-संगीत से जुड़े लोगों में हमले लगातार होते रहे हैं।
अगस्त के आखिर में तालिबान ने संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया था। महिलाओं के घर से बाहर कामकाज करने को लेकर भी तालिबान ने कई दिशा-निर्देश जारी किए थे। तालिबान ने 4 सितंबर को ही अफगानिस्तान नेशनल इंस्टट्यूट ऑफ म्यूजिक को बंद कर दिया था।
यही नहीं अगस्त के आखिरी हफ्ते में अंदराबी घाटी में तालिबानी लड़ाकों ने अफगानिस्तान के लोकगायक फवाद अंदराबी को कथित तौर पर मार दिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अगस्त में कहा था, 'इस्लाम में संगीत की मनाही है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि लोगों पर दबाव डालने के बजाय उन्हें ऐसी चीजें न करने के लिए मना सकेंगे।'