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अफगान दूत का दावा, 'अमेरिकी ड्रोन हमले में अयमान अल-जवाहिरी के साथ हक्कानी परिवार का सदस्य भी मरा'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 5, 2022 16:19 IST

ताजिकिस्तान में अफगान दूत मोहम्मद जहीर अघबर ने दावा किया है कि 2 अगस्त को अमेरिका ने काबुल में जो ड्रोन हमला किया था, उसके केवल जवाहिरी की मौत नहीं हुई थी बल्कि उनके साथ हमले में हक्कानी परिवार के सदस्य की भी मौत हुई थी।

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ठळक मुद्देअफगान दूत का दावा, अमेरिकी हमले में अल-जवाहिरी के साथ हक्कानी समूह का नेता भी मारा गयाजबकि अमेरिकी दावा के मुताबिक ड्रोन हमले में केवल अल-कायदा चीफ जवाहिरी की मौत हुई हैतालिबान सरकार में शामिल हक्कानी समूह का अफगानिस्तान में बड़ा इस्लामी आतंकी नेटवर्क है

दुशांबे: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा हाल ही में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में चलाये गये एक ऑपरेशन में मारे गये अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी की घटना के संबंध में एक नई जानकारी सामने आ रही है। अमेरिका द्वारा ऑपरेशन अल-जवाहिरी के बाद बयान जारी किया गया था कि ड्रोन हमले में केवल अल-कायदा चीफ जवाहिरी की मौत हुई है, जबकि अब एक अफगान दूत ने अमेरिकी दावे के उलट कहा है कि अमेरिकी ड्रोन हमले में केवल अल-जवाहिरी ही नहीं बल्कि हक्कानी परिवार का एक सदस्य भी मारा गया है।

समाचार वेबसाइट 'इंडिया टुडे' के मुताबिक इस संबंध में अमेरिकी बयान का खंडन करते हुए ताजिकिस्तान में अफगान दूत मोहम्मद जहीर अघबर ने कहा कि 2 अगस्त को अमेरिका ने काबुल में जो ड्रोन हमला किया था, उसके केवल जवाहिरी की मौत नहीं हुई थी बल्कि उनके साथ हमले की जद में आने वाले हक्कानी परिवार के सदस्य की भी मौत हुई है।

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार में साझेदार हक्कानी समूह का अपना बड़ा इस्लामी आतंकी नेटवर्क है, जिसकी स्थापना जलालुद्दीन हक्कानी द्वारा हुई है। अफगानिस्तान में सोवियत युद्ध के दौरान विद्रोही कमांडर के तौर पर उभरने वाले जलालुद्दीन काफी आक्रामक माने जाते हैं लेकिन कुछ मसलों पर उनकी सोच तालिबान से मुख़्तलिफ़ बताई जाती है।

अफगान दूत मोहम्मद ने हक्कानी परिवार के सदस्य के मारे जाने की सूचना देते हुए कहा, "काबुल से मिली रिपोर्ट के मुताबिक हक्कानी समूह के सदस्य भी अमेरिकी हमले में मारे गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वो घर हक्कानी का था और जब हमला हुआ तो जवाहिरी के साथ बालकनी में हक्कानी परिवार का सदस्य भी मौजूद था। इस हमले के बाद बचे हुए लोगों ने काबुल को छोड़कर चले गए हैं।"

अफगानी राजदूत के यह दावा अमेरिकी दावे के एकदम उलट है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि अमेरिकी ड्रोन हमले में अल-जवाहिरी के परिवार के किसी सदस्य की न तो मौत हुई है और न ही उन्हें किसी प्रकार की चोट पहुंची है।

जवाहिरी के मारे जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि अमेरीका के खुफिया सैन्य ऑपरेशन में अल-कायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी की मौत हो गई है, जबकि उसके परिवार के सदस्यों को इस हमले में कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था, "ऑपरेशन अल-जवाहिरी मिशन को बेहद सावधानीपूर्वक अंजाम दिया गया ताकि जवाहिरी को छोड़कर हमला स्थल पर अन्य नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे।"

खबरों के मुताबिक अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित जिस इमारत में अल-कायदा चीफ अल-जवाहिरी को मारा गया। वो बहुमंजिला बंगला तालिबान सरकार के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के करीबी सहयोगी के पास था। बताया जा रहा है कि हमले के बाद मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी सहित अन्य हक्कानी नेताओं ने काबुल के उस घर को छोड़ दिया है और किसी अज्ञात सुरक्षित स्थान पर चले गये हैं।

अफगान दूत मोहम्मद जहीर अघबर ने कहा, "अफगानिस्तान के लिए अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी का मारा जाना महत्वपूर्ण नहीं रखता है। हमारे लिए तो यह महत्पूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात का पता चले कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला और लोकतंत्र की हत्या करने वाला तालिबान किस तरह से आतंकवाद को बढ़ाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है।"

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