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सुप्रीम कोर्ट में जारी है धारा 377 पर सुनवाई, इन आठ देशों में समलैंगिकता पर मिलती है 'सजा-ए-मौत'

By धीरज पाल | Updated: July 14, 2018 07:44 IST

नई दिल्ली, 14 जुलाई: देशभर में एक बार फिर समलैंगिकता का मामला चर्चे में है। पिछले चार दिनों स...

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नई दिल्ली, 14 जुलाई: देशभर में एक बार फिर समलैंगिकता का मामला चर्चे में है। पिछले चार दिनों से सुप्रीम कोर्ट में धारा- 377 को लेकर सुनवाई चल रही है। सुनवाई का आज चौथा दिन था। सुनवाई इस बात पर चल रही है कि क्या देश में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखा जाए या नहीं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार और एजीबीटी समुदाय आमने सामने है। बता दें कि देश में समलैंगिकता का अपराध माना जाता है। इसे आईपीसी धारा 377 के तहत उम्र कैद का प्रवाधान है। धारा 377 के मुताबिक, अगर कोई पुरुष किसी दूसरे पुरुष के साथ या महिला किसी दूसरे महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए पाया जाता है, उसे उम्र कैद या 10 साल की जेल और जुर्माना दोनों ही दंड दिया जा सकता है। 

 भारत में इसे लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। वहीं, सेम-सेक्स को लेकर कुछ देशों में मौत की सजा का प्रावधान है। मुख्यत: इसमें से 8 देश शामिल हैं, ईरान, सूडान, सऊदी अरब, यमन, सोमालिया, नाइजीरिया, इराक और सीरिया।  भारत सहित कई ऐसे देश हैं जहां समलैंकि गतिविधियों पर जेल की सजा का प्रवधान  हैं। ऐसे में आइए ऐसे देश की के बारे में बताते हैं जहां समलैंगिक गतिविधियों पर मौत की सजा है। 

1. यमन: यहां 1994 के दंड संहिता के मुताबिक अगर कोई विवाहित पुरुष समलैंगिक गतिविधियों में पाया जाता है तो उसे पत्थरों से मौत की सजा का प्रावधान है। वहीं, अगर कोई पुरुष अविवाहित है और समलैंगिक गतिविधियों में पाया जाता है तो उसे एक साल की जेल की सजा का दी जाती है। महिलाओं के संबंध में सात साल तक की जेल का सामना करना पड़ता है।

धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट में कल भी होगी सुनवाई, जानिए तीसरे दिन की बहस में किसने क्या कहा2. ईरान:  यहां कोई पुरुष समलैंगिक गतिविधियों में पाया जाता है तो उसे  शरिया लॉ के तहत मौत की सजा का प्रावधान है। यदि सेम-सेक्स के लोग चुंबन भी करते हैं  तो उन्हें मौत की सजा का प्रावधान है। यह कानून सिर्फ पुरुषों पर ही नहीं बल्कि महिलाओं पर भी जारी किया जाता है। 3. मॉरीतानिया : यह एक इस्लामी गणराज्य है। यहां 1984 लॉ के तहत किसी मुस्लिम पुरुष समलैंगिक गतिविधियों में पाया जाता है तो उसे पत्थरों से मार दिया जाता है। वहीं, महिलाओं को जेल की सजा का प्रावधान है। 4. नाइजिरिया: इस देश में भी शरिया कानून है। इसके तहत समलैंगिक गतिविधियों के लिए कारावास है, लेकिन पुरुषों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है।

SC में दाखिल याचिका पर केंद्र का जवाब, शादी को प्रोटेक्ट करने के लिए जरूरी है एडल्टरी कानून5.कतर: कतर में शरिया कानून केवल मुसलमानों पर लागू होता है, जिन्हें वैवाहिक लोगों को समलैंगिक गतिविधियों में मार दिया जाता है। 6. सउदी अरब: सउदी अरब में भी शरिया कानून है। यहां भी किसी वैवाहिक मुसलमान अगर समलैंगिक गतिविधियों में लिप्त है तो उसे मौत की सजा का प्रवाधान है। शादी के बाहर सभी सेक्स अवैध है।7.अफगानिस्तान: अफगान दंड संहिता समलैंगिकता गतिविधियों का उल्लेख नहीं करती है, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 130 शरिया कानून के तहत समलैंगिक गतिविधि को प्रतिबंधित करता है। अफगानिस्तान के शरिया कानून में अधिकतम-सेक्स यौन कृत्यों को अधिकतम मृत्युदंड के साथ अपराधी बना दिया जाता है।8. सुडान: सोडोमी कानून के तहत अपराधियों को तीन तरह से मौत की सजा है। पहला और दूसरे में शारीरिक सजा और कारावास की सजा का प्रवाधान है। इसकी अपेक्षा देश के दक्षिणी हिस्सों में कानून  उदार है।  

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