दलित आईपीएस की बारात क्यों निकली पुलिस के पहरे में, जानिए पूरा मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 18, 2022 10:56 PM2022-02-18T22:56:23+5:302022-02-18T22:59:28+5:30

कोटपूतली के एएसपी विद्याप्रकाश ने बताया कि मणिपुर कैडर के 2020 बैच के आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार धनवंत  घोड़ी पर सवार होकर शादी की रस्मों की अदायगी के लिए बारात के साथ पहुंचे थे।

Why the procession of Dalit IPS came out under police guard, know the whole matter | दलित आईपीएस की बारात क्यों निकली पुलिस के पहरे में, जानिए पूरा मामला

दलित आईपीएस की बारात क्यों निकली पुलिस के पहरे में, जानिए पूरा मामला

Highlightsएएसपी और एडीएम दिनभर गांव में रहे ताकि आईपीएस की बारात शांतिपूर्वक गांव से निकल सकेयह बारात मणिपुर कैडर के 2020 बैच के आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार धनवंत की थीराजस्थान में शादियों के वक्त अक्सर दलितों और सवर्णों के बीच इस तरह के टकराव होते रहते हैं

जयपुर: जाति व्यवस्था आज भी भारत में जहर के समान बनी हुई है। इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला राजस्थान में। जहां एक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी को अपनी बारात ले जाने के लिए पुलिस से सुरक्षा लेनी पड़ी।

जी हां, आईपीएस सुनील कुमार धनवंता को मजह इसलिएअपनी शादी में पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी क्योंकि जिस रास्ते से वो घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे के रूप में गुजरने वाले थे, वहां सवर्ण दबंगों का ऐसा खौफनाक कहर है कि कोई भी दलित अपनी बारात में घोड़ी पर सवार होकर शादी के लिए नहीं जा सकता है।

जानकारी के मुताबिक जयपुर जिले के शाहपुरा के पास भगलपुरा जयिसंहपुरा गांव में आईपीएस अधिकारी सुनील को बिंदौरी में बारात निकालने के लिए भारी जिला पुलिस और प्रशासन की तैनाती करनी पड़ी क्योंकि वो एक दलित समुदाय से ताल्लूक रखते हैं और गांव के रास्तों पर सवर्णों का प्रभुत्व था।

बताया जा रहा है कि इससे पहले भी इस गांव में दलितों की शादी में दूल्हों की बिंदौरी के दौरान कई तरह की हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए भले ही सुनील खुद आईपीएस थे लेकिन उन्हें भी सवर्णों के हमले के खौफ के कारण बारात में पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी।

सूचना के मुताबिक मौके पर एएसपी और एडीएम समेत कई अधिकारी गांव में दिनभर चक्रमण करते रहे ताकि बारात को शांतिपूर्वक गांव से निकाला जा सके। इसके लिए पूरे गांव को पुलिस के भारी बंदोबस्त से छावनी में बदल दिया गया था।

मामले में जानकारी देते हुए कोटपूतली के एएसपी विद्याप्रकाश ने बताया कि मणिपुर कैडर के 2020 बैच के आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार धनवंत  घोड़ी पर सवार होकर शादी की रस्मों की अदायगी के लिए बारात के साथ पहुंचे थे। वहां किसी तरह की अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी।  

इससे पहले भी राजस्थान में शादियों के वक्त अक्सर दलितों और सवर्णों के बीच इस तरह के टकराव की खबरें आती रही हैं। जिसमें घोड़ी पर बैठकर शादी करने आए दलितों के साथ गांव के सवर्णों के द्वारा कथित तौर पर मारपीट की घटनाएं होती रही हैं। 

Web Title: Why the procession of Dalit IPS came out under police guard, know the whole matter

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