अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो (JIO) ने उपभोक्ताओं से किसी अन्य कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने पर छह पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क लेने की घोषणा की है। यानी जियो के उपभोक्ताओं द्वारा प्रतिद्वंद्वी एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के नेटवर्क पर कॉल के लिए उनसे छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लिया जाएगा। जियो ने अपने ग्राहकों को जियो से दूसरे नेटवर्क में कॉलिंग के लिए IUC टॉप-अप रिचार्ज करवाना होगा। अब तक केवल डेटा के लिए रिचार्ज कराना होता था और कॉलिंग और SMS की सेवा फ्री मिलती थी। हालांकि, कंपनी इसकी भरपाई के लिये उपभोक्ताओं को बराबर मूल्य का मुफ्त डेटा देगी। यह पहली बार है जबकि जियो अपने उपभोक्ताओं से वॉयस कॉल के लिए शुल्क लेने जा रही है। जब ये खबर सामने आई है, सोशल मीडिया पर लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर लॉन्चिंग के 3 साल बाद अचानक से जियो कॉलिंग के पैसे क्यों लेने लगा।
ट्विटर पर जियो से संबंधित कई हैशटैग #indiawithjio , #BoycottJio चल रहे हैं। इन हैशटैग के साथ यूजर का कहना है कि जियो की यही बात को अच्छी थी, इसलिए जियो यूजर की संख्या इतनी ज्यादा है। तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि जियो की सर्विस सबसे अच्छी है तो हम उसके लिए इतना मैनेज कर सकते हैं। लेकिन जियो पैसे क्यों ले रहा है, ये सवाल को पूछे जा रहे हैं।
तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर जियो क्यों दूसरे नेटवर्क पर फोन करने के लिए पैसे ले रहा है?
IUC की वजह से जियो लेगा पैसे
इंटरकनेक्ट यूजेस चार्ज (IUC) का मतलब होता है किसी एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क कॉलिंग करने पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से तय की गई फीस का भुगतान कंपनी को करना पड़ता है। ऐसे में जिस जिस नेटवर्क से फोन लगाया जाएगा, IUC को फीस भी उसी को देना होता था। अब सवाल उठता है कि आखिर जब जियो इतने दिनों से फीस दे ही रहा था तो अब क्या हुआ।
तो बता दें कि एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर किए जाने वाले फोन कॉल अगर एक समान जैसा किया जाए तो फीस देने की रकम बराबर होती है। लेकिन ये पूरा बैलेंस तब बिगड़ जाता है तब एक नेटवर्क से फोन करने वालों की संख्या ज्यादा हो जाए।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) को 2017 में 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया था। ट्राई ने इस व्यवस्था को 31 दिसंबर, 2019 तक समाप्त करने का प्रस्ताव किया था। अब नियामक ने इस बात की समीक्षा के लिए परिचर्चा पत्र निकाला है क्या इस समयसीमा को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
जियो द्वारा यह कदम उस समय उठाया गया है जबकि इस तरह के संकेत हैं कि कॉल जोड़ने का शुल्क 31 दिसंबर की पहले तय की गई समयसीमा तक समाप्त नहीं हो पाएगा। जियो ने इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पैदा की गई अनिश्चितता को जिम्मेदार ठहराया है। जियो ने कहा है कि ट्राई ने इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) के मुद्दे को फिर खोल लिया है।
IUC टॉप-अप रिचार्ज के लिए जियो ने चार प्लान बनाए हैं। इसकी शुरुआती कीमत 10 रुपये है।