पीएम मोदी ने बिहार की बाढ़ पर जताई चिंता लेकिन कर्नाटक में आई त्रादसी पर चुप्पी क्यों?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 4, 2019 05:00 PM2019-10-04T17:00:03+5:302019-10-04T17:00:03+5:30
कर्नाटक में अगस्त में आई बाढ़ में 84 लोगों की मौत हो गई, जबकि लाखों हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई। करीब 1.5 लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गये। वहीं बिहार में आई बाढ़ में अबतक 77 लोगों की मौत हो गई है।
कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस और जद(एस) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह केंद्र की ओर से बाढ़ राहत कोष जारी करने के मुद्दे पर राज्य के साथ बेरुखा बर्ताव कर रहे हैं। बिहार में सितंबर के अंतिम हफ्ते में हुई भारी बारिश से आई बाढ़ के बारे में मोदी के ट्वीट के बाद कर्नाटक में विपक्षी दलों ने यह नाराजगी जाहिर की। भाजपा के एक विधायक का भी मानना है कि मोदी ने कर्नाटक के पीड़ितों की उतनी परवाह नहीं की, जितनी उन्होंने बिहार में बाढ़ पीड़ितों के लिए की। जिसके बाद सोशल मीडिया #NotFairModiji भी ट्रेंड किया।
Central Ministers from Karnataka and 26 BJP MPs, at least now understand the gravity of the situation and prevail upon Prime Minister and get the central relief fund for the State immediately. #NotFairModijipic.twitter.com/HlyPZYKS2y
— Vishweshwar Bhat (@VishweshwarBhat) October 3, 2019
मोदी ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की स्थिति के बारे में नीतीश कुमार जी से बात की। (बाढ़)पीड़ितों की सहायता के लिए एजेंसियां स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रही हैं। केंद्र जरूरत पड़ने पर हरसंभव मदद मुहैया करने के लिए तैयार है। ’’
Spoke to Bihar CM @NitishKumar Ji regarding the flood situation in parts of the state. Agencies are working with local administration to assist the affected. Centre stands ready to provide all possible further assistance that may be required.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2019
इस ट्वीट के बाद विजयपुरा शहर से भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा कि मोदी के ट्वीट का लोगों ने निष्कर्ष निकाला कि उन्हें बिहार के बाढ़ पीड़ितों की चिंता है और कर्नाटक में प्रभावित लोगों की चिंता नहीं है। यतनाल ने कहा, ‘‘लोग फेसबुक पर टिप्पणी कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री बिहार के बारे में ट्वीट करते हैं और कर्नाटक के बारे में नहीं, शायद इसलिए कि यहां तत्काल चुनाव नहीं होने है। पार्टी को इसे गंभीरता से लेना चाहिए नहीं तो दक्षिण में उसका आधार खो सकता है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने मोदी के ‘ट्वीट’ को ‘रीट्वीट’ करते हुए यह जानना चाहा कि कर्नाटक के लिए ‘‘नफरत’’ क्यों है और मोदी कोई जवाब क्यों नहीं दे रहें, जबकि कर्नाटक के कई इलाके बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
Modi Visited Karnataka
— Hemanth Krishne Gowda | ಹೇಮಂತ್ ಕೃಷ್ಣೇಗೌಡ (@hemanth_kgowda) October 3, 2019
17 Times 4 Assembly
14 Times 4 Loksabha
But no Time & Money for Flood
Coward 25 MPs & 105 MLAs are Silent
Bhakts who begged vote in Modi name are labeled as Anti-Nationals
Digging own grave should be learnt from Bhakts#WeWantFloodRelief#NotFairModiji
उन्होंने कहा, ‘‘60 दिनों से अधिक समय से कर्नाटक के कई हिस्से बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं।’’ सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘न रहने के लिए सिर पर छत है, न खाने के लिए कुछ है, मवेशी मर रहे हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं-लेकिन नरेंद्र मोदी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।’’
Statements by BJP MPs, DyCM & Minister 👇
— Srivatsa (@srivatsayb) October 3, 2019
🔸No need for flood relief by Modi
🔸No big deal that relief funds haven't come
🔸People who question us are anti-national
🔸People targeting Modi are those who spit towards the sky & end up with it on their face🙄#NotFairModiji
उन्होंने ट्वीट में पूछा, ‘‘कर्नाटक के प्रति यह नफरत क्यों है? ’’ कांग्रेस नेता ने कर्नाटक से भाजपा के 25 लोकसभा सदस्यों की ‘अकर्मण्यता’ पर भी सवाल करते हुए उनसे पूछा कि वे क्या कर रहे हैं। उन्होंने चित्रदुर्ग जिले में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा कह रहे हैं कि उनकी (भाजपा) सरकार ने बाढ़ पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को 10,000 रुपये दिये हैं लेकिन लोगों ने इसमें भेदभाव करने के आरोप लगाये हैं।
सिद्धरमैया ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने उन लोगों को रुपये नहीं दिये जिन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया था और सिर्फ भाजपा समर्थकों को पैसे मिले हैं। मकानों का पुनर्निर्माण करने के लिए, फसलों और मवेशियों को पहुंचे नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए अब तक धन नहीं जारी किया गया है। जिनके मकान नष्ट हो गये उन्हें सिर छिपाने के लिए छत तक नहीं दी गई है।’’
पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने कहा कि वह बिहार को ‘तीव्रता’ से दी गई सहायता की सराहना करते हैं लेकिन उन्होंने यह ट्वीट भी किया, ‘‘हम केंद्र द्वारा कर्नाटक के प्रति दिखाई गई गंभीर उदासीनता के बारे में सोचना बंद नहीं कर सकते।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘कर्नाटक और दक्षिण भी भारत का हिस्सा हैं, नरेंद्र मोदी जी! ’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘...क्या बिहार की 40 सीटों के सामने कर्नाटक की 28 सीटें नगण्य हैं, जिस कारण नीतीश कुमार को फोन आया जबकि कर्नाटक बाढ़ के बारे में बात करने की बी एस येदियुरप्पा की बार-बार की कोशिशें खारिज हो गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम भी इसी देश में हैं, श्रीमान। आप जो कर रहे हैं वह अच्छा नहीं कर रहे हैं।’’ जद(एस) ने ट्वीट किया, ‘‘नरेंद्र मोदी जी, आप कर्नाटक की मदद करने में इसी तरह की रुचि क्यों नहीं प्रदर्शित कर रहे हैं? आप चुनाव के दौरान कई बार कर्नाटक आए लेकिन आप अब लोगों के दुख में शामिल नहीं होना चाहते।’’ गौरतलब है कि कर्नाटक में अगस्त में आई बाढ़ में 84 लोगों की मौत हो गई, जबकि लाखों हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई। करीब 1.5 लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गये। (पीटीआई इनपुट के साथ)