VIDEO: बिहार के पूर्णिया में थर्मोकॉल से बनी नाव पर 14 लोग सवार, बीच नदी में पलटी
By रुस्तम राणा | Updated: October 17, 2024 16:18 IST2024-10-17T16:18:17+5:302024-10-17T16:18:43+5:30
बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह करीब 11 बजे ग्रामीण एक मैयत में शामिल होने गए थे, तभी थर्मोकोल से बनी नाव उस पर खड़े लोगों और बच्चों का वजन सहन नहीं कर पाई और पलट गई।

VIDEO: बिहार के पूर्णिया में थर्मोकॉल से बनी नाव पर 14 लोग सवार, बीच नदी में पलटी
पूर्णिया (बिहार): बिहार के पूर्णिया में बुधवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब लोग थर्मोकोल से बनी नाव पर सवार होकर नदी पार कर रहे थे। घटना जिले के आमौर थाना क्षेत्र में हुई। नाव पर करीब 14-15 लोग खड़े थे, तभी नाव बीच दास नदी में पलट गई। बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह करीब 11 बजे ग्रामीण एक मैयत में शामिल होने गए थे, तभी थर्मोकोल से बनी नाव उस पर खड़े लोगों और बच्चों का वजन सहन नहीं कर पाई और पलट गई। गनीमत रही कि नाव पर सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। इलाके में पुल न होने के कारण ग्रामीणों को इस अस्थायी नाव का इस्तेमाल करना पड़ा, जिससे उन्हें आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भगतहिर गांव निवासी जमील की अचानक मौत हो गई थी और बाढ़ के कारण उसके परिजनों के लिए शव को पास के कब्रिस्तान में दफनाना संभव नहीं था। इसलिए, उन्होंने शव को दफन करने के लिए नदी के रास्ते हरिपुर कब्रिस्तान ले जाने का फैसला किया। हालांकि वे किसी तरह शव को लेकर नदी पार करने में सफल रहे और अपने रिश्तेदार को दफना दिया, लेकिन लौटते समय वे पानी में डूब गए।
नाव नदी के बीचों-बीच थी, तभी वह अनियंत्रित होकर डूबने लगी। थर्मोकोल से बनी नाव पलटने से सभी लोग नदी में गिर गए। हालांकि, लोगों ने रस्सी के सहारे नाव को किनारे तक लाने की कोशिश की और जो तैरना जानते थे, वे किनारे तक पहुंच गए।
मान गये उस्ताद…पूर्णिया में थर्मोकॉल के बने नाव पर 14 लोग सवार हो गए … नाव पलटी लेकिन शुक्र है जान बच गई, सब मिट्टी देने जा रहे थे मैयत में …#Purnia#Biharpic.twitter.com/5DA4KKjIAx
— Mukesh singh (@Mukesh_Journo) October 17, 2024
नदी के दूसरी तरफ मौजूद लोगों ने इस घटना को रिकॉर्ड कर लिया। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे प्रशासन के खिलाफ गुस्सा भड़क रहा है क्योंकि परिवहन सुविधाओं के अभाव में लोग थर्मोकोल की नावों का सहारा लेने को मजबूर हैं।