यूपी पुलिस का एनकाउंटर के दौरान 'ठांय-ठांय' करने वाला वीडियो याद है? ऐसा ही एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस लाठी को घोड़ा मानकर सवारी कर रही है। फिरोजाबाद पुलिस ने इस मामले पर सफाई भी पेश की है।
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फिरोजाबाद पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल चल रही है। इसमें बलवाइयों से निपटने के लिए अभ्यास किया जा रहा था। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कुछ पुलिस कर्मी पैरों के बीच में डंडा पकड़कर घुड़सवारों की तरह दौड़ रहे हैं।
इस वीडियो को पत्रकार आलोक पांडेय ने ट्विटर पर शेयर किया। उन्होंने लिखा कि फिरोजाबाद पुलिस यह किस तरह का दंगा विरोधी ड्रिल कर रही है। क्या कोई बता सकता है कि क्या हो रहा है?
इस वीडियो पर फिरोजाबाद पुलिस ने जवाब दिया, 'बलवा ड्रिल अभ्यास के दौरान दंगाइयों से निपटने हेतु विभिन्न पुलिस पार्टियों का गठन किया जाता है जिसमें नम्बर तीन पर घुड़सवार पुलिस की कार्यवाही की जाती है। जनपद में घुड़सवार पुलिस न होंने के कारण घुड़सवार पुलिस कार्यवाही का रिक्रूट आरक्षियों द्वारा प्रतीकात्मक अभ्यास कराया गया है।'
ट्विटर पर यूजर्स फिरोजाबाद पुलिस को ट्रोल कर रहे हैं। अमन द्विवेदी नाम के यूजर ने लिखा, 'यह इस लिए की जा रही है जब दंगाई मारने को दौड़ा ले तो पुलिस को इस तरह से लाठी छुपा के भागना है।' मिन्नत अली ने लिखा कि गांव छोटे-छोटे बच्चे ऐसे डंडे से बाइक चलाने का दिखावा करते हैं।