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CAA: विरोध और समर्थन वाले प्रदर्शनों में इस्तेमाल किए जा रहे झंडों की तुलना कर ट्रोल हुए राजदीप सरदेसाई, एक यूजर ने कहा- अपना चश्मा साफ कर लीजिए

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: December 28, 2019 11:23 IST

राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट में लिखा, ''सीएए के खिलाफ हर रैली में मैंने केवल तिरंगा और महात्मा गांधी की तस्वीरें देखीं.. सीएए के समर्थन वाली रैलियों में तिरंगा के साथ भगवा रंग वाला झंडा देखा। इस बारे में सोचें.. आपका शुक्रवार शुभ हो।''

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ठळक मुद्देपत्रकार राजदीप सरदेसाई ने इन प्रदर्शनों में इस्तेमाल किए जा रहे झंडों के बारे में दावा कर सोशल मीडिया में ट्रोल है। एक यूजर ने लिखा, ''पत्थर, बम, बंदूक ये तीनों चीजें भी सीएए के विरोध वाली रैलियों में देखी गईं, हो सकता है कि आपकी दृष्टि कम हो रही है।''

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कहीं सीएए के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है को कहीं समर्थन में। पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने इन प्रदर्शनों में इस्तेमाल किए जा रहे झंडों के बारे में दावा कर सोशल मीडिया में ट्रोल है। 

राजदीप सरदेसाई के मुताबिक सीएए के विरोध वाली रैलियों में तिरंगा और महात्मा गांधी की तस्वीरें उन्होंने देखीं और इस कानून के समर्थन वाली रैलियों में तिरंगे के साथ भगवा झंडा देखा। राजदीप ने अपने आधिकारिक हैंडल से इस बारे में ट्वीट कर दावा किया, जिस पर वह यूजर्स द्वारा ट्रोल किए जा रहे हैं। 

राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट में लिखा, ''सीएए के खिलाफ हर रैली में मैंने केवल तिरंगा और महात्मा गांधी की तस्वीरें देखीं.. सीएए के समर्थन वाली रैलियों में तिरंगा के साथ भगवा रंग वाला झंडा देखा। इस बारे में सोचें.. आपका शुक्रवार शुभ हो।''

राजदीप के ट्वीट के जवाब में एक यूजर ने लिखा, ''अपना चश्मा साफ कर लीजिए।''

ईआर संजय मल्होत्रा नाम के यूजर ने लिखा, ''मुझे लुटियंस के इन छोटे पत्रकारों पर दया आती है, जिनके वर्तमान मुखिया राजदीप सरदेसाई हैं। पिछले कुछ दिनों से वे इस मिथक को बिना सोच स्थापित कर रहे थे कि 'विरोध' व्यापक आधारित हैं न कि अल्पसंख्यक केंद्रित। उन्हें लगता है कि आम आदमी अंधा और बहरा है। शर्म की बात है।''

एक यूजर ने लिखा, ''पत्थर, बम, बंदूक ये तीनों चीजें भी सीएए के विरोध वाली रैलियों में देखी गईं, हो सकता है कि आपकी दृष्टि कम हो रही है।''

सुशील सिंह नाम के यूजर ने लिखा, ''सीएए के विरोध में हुई रैली में तोड़फोड़, आगजनी, पत्थरबाजी और पुलिसवालों पर हमले हुए, गोली तक चली, हिन्दू चिन्हों का अपमान और हिन्दू विरोधी नारे भी लगाये गए लेकिन सीएए के समर्थन में हुई रैली में एक भी ऐसी घटना प्रकाश में नहीं हैं, तथाकथित निष्पक्ष पत्रकार महोदय इसके बारे में भी सोचो।''

एक यूजर ने लिखा, ''तो अब झंडा तय करेगा कि दंगाई कौन है..?''

बता दें कि सीएए के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 19 लोगों के मारे जाने की खबरें हैं। खबरों के मुताबिक, हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस के गोली से लोग मरे। पुलिस ने इस बात का खंडन किया है।

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