फेमिनिज्म और मीटू को खत्म करने के लिए मर्दों ने की 'पिशाचिनी मुक्ति पूजा', कहा- 'भारत के परिवार को बचाने के लिए जरूरी'
By पल्लवी कुमारी | Published: September 26, 2019 05:46 PM2019-09-26T17:46:22+5:302019-09-26T17:46:22+5:30
'पिशाचिनी मुक्ति पूजा' की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई हैं। तस्वीरों में दिख रहा है कि पूजा पारंपरिक तरीके से की गई है। पूजा का आयोजन 22 सितंबर 2019 को दोपहर साढ़े 12 बजे किया गया। 'पिशाचिनी मुक्ति पूजा' को करने का फैसला 11वीं अखिल भारतीय पुरुष महासभा में लिया गया था।
क्या आपको भी लगता है कि नारीवाद और मी टू जैसे अभियान से लोगों का घर टूटता है। कर्नाटक के संगठन को ऐसा ही लगता है। कर्नाटक में नारीवाद और मी मी टू मूवमेंट को खत्म करने के लिए यहां एक संगठन मे 'पिशाचिनी मुक्ति पूजा' की है। जिसके बारे में सोशल मीडिया पर भी काफी पोस्ट और शेयर किए जा रहे हैं। इस संगठन का कहना है कि वह यह पूजा 'परिवार बचाओ आंदोलन' के तहत कर रहे हैं। 'पिशाचिनी मुक्ति पूजा' की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई हैं। तस्वीरों में दिख रहा है कि पूजा पारंपरिक तरीके से की गई है। पूजा का आयोजन 22 सितंबर 2019 को दोपहर साढ़े 12 बजे किया गया। पूजा को लेकर सोशल मीडिया पर जबर्दस्त प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। सिर्फ पूजा नहीं बल्कि फेमिनिज्म और मी टू का पिंडदान भी किया गया है।
@SIFKtka Men performing #Pinddaan
— ♂ #StandUp4Men (@mra_srini) September 22, 2019
and #PishachiniMuktiPuja
To free the society from the evils of #feminismpic.twitter.com/KG97uUNa29
#pishachiniMuktipuja#pinddaan
— सत्यन्वेषी (@satyan_weshi) September 22, 2019
Against all the evils that has tortured and harassed the Indian innocent #men... @SIFKtkapic.twitter.com/HI8kEWV8dW
पूजा को लेकर फेसबुक पर बाकायदा एक विज्ञप्ति भी जारी किया गया था। इस विज्ञप्ति को द स्पॉइल्ट मॉडर्न इंडिया वूमन नाम के फेसबुक पेज पर शेयर किया गया था। पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा था, पूजा में हिस्सा लें और इसके बारे में सोचे...भारत के परिवार को बचाएं।
इस विज्ञप्ति को लेखिका ऋतुपर्णा चटर्जी ने भी शेयर किया है। कैप्शन लिखा है- 'फेमिनिज्म पिशाचिनी'
“Feminism Pisachinis” on my timeline, represent. ✊🏾 pic.twitter.com/fskfzRHBbu
— Rituparna Chatterjee (@MasalaBai) September 24, 2019
विज्ञप्ति में इस अभियान का नाम ''भारती परिवार बचाओ आंदोलन'' लिखा है। जिसको कर्नाटक के 40 एनजीओ ने एक साथ मिलकर किया है। ये 40 एनजीओ जो इस मुहिम से जुड़े हैं, वो पारिवारिक सद्भाव और लैंगिक समानता के लिए काम करते हैं।
@SIFKtka performed #PishachiniMuktiPuja to remove #feministic carcinoma from our women & #Pinddaan to the already dead Rakskasi of #metooindia & #Feminism so as to not take rebirth and reach moksha in the global interest of family & Society at large. pic.twitter.com/d7MjWs02nD
— S Bhosekar (@BhosekarS) September 22, 2019
इनका कहना है कि नारीवाद जैसी विचार धारा से देश में लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। सिर्फ इतना ही इस संगठन ने नारीवाद और मी टू द्वारा सताए हुए पुरुषों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। जिसपर परेशान पुरुष कभी भी फोन कर अपनी समस्याएं बता सकते हैं। इन्होंने ऐसा इसलिए किया है ताकि वो मर्द डिप्रेशन का शिकार ना हो।
इंडिया टूडे में छपी खबर के मुताबिक, पिशाचिनी मुक्ति पूजा में बाकायदा नारीवाद और मी टू इंडिया का पिंडदान भी किया गया। 'पिशाचिनी मुक्ति पूजा' एक साथ एक वक्त पर देश के अलग-अलग 50 जगहों पर आयोजित की गई थी। 'पिशाचिनी मुक्ति पूजा' को करने का फैसला 11वीं अखिल भारतीय पुरुष महासभा में लिया गया था।
देखें पूजा का वीडियो
#PishachiniMuktiPuja & #Pinddaan of evils of #Metoo & #Feminism underway as part of Bharata wide activity. @SIFKtka driving this in #NammaBengaluruhttps://t.co/ethueQpthI
— S Bhosekar (@BhosekarS) September 22, 2019