अपने सपनों को पूरा करने के लिए इंसान दिन रात मेहनत करता है. पर वही सपना अगर आपकी आँखों के सामने टूट जाए तो उसकी तकलीफ बयान करना बेहद मुश्किल है. कुछ ऐसा ही हुआ आगरा के 18 साल के अनाथ सिद्धांत बत्रा का. आगरा के सिद्धांत बत्रा को अक्टूबर में IIT JEE 2020 में ऑल इंडिया 270 रैंक मिली थी. 2 साल पहले ही सिद्धांत बत्रा की मौत माँ हो गई थी. सिद्धांत बत्रा का वो ही जीना का सहारा थी और वो ही उनका पालन पोषण कर रही थी. पर अपनी इस सक्सेस से सिद्धांत के हौसले और भी बुलंद हो गए थे. सिद्धांत को IIT-बॉम्बे में इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग में बीटेक की सीट भी मिल गईथी. मगर एक छोटी सी चूक से उनका यह सपना बर्बाद होता नजर आ रहा है.
NBT की रिपोर्ट के मुताबिक़ 18 अक्टूबर को सिद्धांत सीट एलोकेशन के पहले राउंड को पूरा कर चुके थे, 31 अक्टूबर को अपने रोल नंबर के अपडेट देखते समय उन्हें एक लिंक मिला जिस पर लिखा था, 'सीट निर्धारण और अगले राउंड से विदड्रॉ'. उन्होंने यह सोचकर इस पर क्लिक कर दिया कि उसे मनचाही सीट मिल गई है इसलिए उन्हें अब अगले राउंड की जरूरत नहीं.
लेकिन 10 नवंबर को सिद्धांत को पता चला की उनका नाम इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग कोर्स में प्रवेश पाने वाले छात्रों की लिस्ट में नहीं है. इस कोर्स के लिए कुल 93 सीटें थीं. एक छोटी सी गलती की वजह से उनका पूरा साल बर्बाद होने की कगार पर है. उन्होंने फिर बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की. इस पर 19 नवंबर को सुनवाई हुई, अदालत ने आईआईटी से उसकी अपील पर विचार करने को कहा लेकिन संस्थान ने उसे यह कहते हुए ठुकरा दिया कि नियम के मुताबिक़ उसे ऐसे करने का अधिकार नहीं है. प्रवेश के लिए अब सिद्धांत को अगले साल फिर से इस परीक्षा में बैठना होगा. अपनी आँखों के सामने सिद्धांत बत्रा का सपना कुचल रहा है पर अभी भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
सिद्धांत ने सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए अपील की है कि उसके लिए एक एक्स्ट्रा सीट बढ़ाई जाए. सिद्धांत इस समय अपने नाना-नानी और मामा के साथ रह रहे है. उन्हें'अनाथ पेंशन' भी मिलती है. अब उनकी इस अपील पर मंगलवार को सुनवाई होनी है.