NPR: 'मिस्टर चिदंबरम आपकी याददाश्त काम नहीं कर रही, आइये मदद करता हूं', पुराना वीडियो शेयर कर बोले अमित मालवीय
By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: December 26, 2019 15:15 IST2019-12-26T15:11:19+5:302019-12-26T15:15:27+5:30
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सूचना और प्रोद्योगिकी (आईटी) सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने एक पुराना वीडियो ट्वीट कर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम। (फाइल फोटो)
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर अभी नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है लेकिन सोशल मीडिया पर सियासत जोरों से चालू है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सूचना और प्रोद्योगिकी (आईटी) सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने एक पुराना वीडियो ट्वीट कर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पर निशाना साधा है। अमित मालवीय ने यहां तक लिखा कि चिदंबरम की यादद्दाश्त काम नहीं कर रही है, उनकी मदद कर देता हूं।
दरअसल, एक पुराने वीडियो में पी चिदंबरम अग्रेजी में एनपीआर को लेकर बात करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में वह एनपीआर के आखिरकार सिटीजनशिप कार्ड में बदल जाने को लेकर बात करते दिखाई दे रहे हैं और उन्होंने अपने हाल के ट्वीट्स में नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर बीजेपी की मंशा ईमानदार है, तो सरकार बिना शर्त बताएं कि वो 2010 के एनपीआर फॉर्म और डिजाइन का समर्थन करती हैं और इसे विवादास्पद एनआरसी से जोड़ने का कोई इरादा नहीं है।
चिदंबरम ने यहां वर्ष 2010 का जिक्र किया है। अमित मालवीय ने चिदंबरम वाले वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, ''मिस्टर चिदंबरम, आपकी यादद्दाश्त काम नहीं कर रही है, आइये मैं यहां आपकी मदद करता हूं.. वह वर्ष 2012 था, जिसमें आप कह रहे थे कि एनपीआर प्रक्रिया का उद्देश्य एक निवासी कार्ड जारी करना है जोकि आखिरकार एक नागरिकता कार्ड होगा। वह वास्तव में एनडीए था जिसने एनपीआर को सिटिजनशिप कार्ड से अलग किया।''
इससे पहले चिदंबरम ने कई ट्वीट के जरिये बयां की गई अपनी बात में कहा, ''मुझे खुशी है कि भाजपा ने 2010 में एनपीआर के लॉन्च का एक वीडियो क्लिप जारी किया है। कृपया वीडियो सुनें, हम देश के "सामान्य निवासियों" की गणना कर रहे थे। जोर रेजीडेंसी पर था न कि नागरिकता पर। प्रत्येक सामान्य निवासी को अपने धर्म या जन्म स्थान से बेपरवाह होना चाहिए। एनपीआर ने 2011 की जनगणना की तैयारी का समर्थन किया। एनआरसी का कोई उल्लेख नहीं था। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का एक बड़ा और अधिक खतरनाक एजेंडा है और यही कारण है कि कल उनके द्वारा अनुमोदित एनपीआर शब्दों के साथ-साथ एनपीआर 2010 के संदर्भ में बहुत ही खतरनाक और अलग है। अगर बीजेपी की मंशा ईमानदार है, तो सरकार बिना शर्त बताएं कि वो 2010 के एनपीआर फॉर्म और डिजाइन का समर्थन करती हैं और इसे विवादास्पद एनआरसी से जोड़ने का कोई इरादा नहीं है।''
अमित मालवीय द्वारा जारी किए गए चिदंबरम के वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सुशील सिंह नाम के यूजर ने लिखा, ''यूपीए सरकार ने कम से कम तीन बार देश को बताया था कि एनपीआर के बाद एनआरसी आएगा। यहां तक कि इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए योजना आयोग ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में 300 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया था।''
यूपीए सरकार ने कम से कम तीन बार देश को बताया था कि एनपीआर के बाद एनआरसी आएगा। यहाँ तक कि इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए योजना आयोग ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में 300 करोड़ ₹ का प्रावधान भी किया था।
— सुशील सिंह (@isushilksingh) December 26, 2019
Cp @akhileshsharma1 pic.twitter.com/EbnVGkFt9u
एक यूजर ने लिखा, ''जेल का असर है! वह सबकुछ भूल गए हैं!''
Jail effect !! He has forgotten everything !
— Pain-dooooo!! (@hpande123) December 26, 2019
इसी तरह और भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं-
Its not new.. @PChidambaram_IN has been suffering from a failing memory since 2014, after @INCIndia lost general elections
— Aloke Joshi (@alokejoshi) December 26, 2019
I think BJP shld immdtly do a PC and clear all clouds created by opposition on NPR, pls have that PC live steamed on all social media platforms too....get on the overdrive now !!!
— DB🇮🇳 (@DhBeri) December 26, 2019
जरा @PChidambaram_IN साहब को यह भी दिखा दीजिए pic.twitter.com/vXLIgATtFw
— Bishwajit Bhattacharya (@bbjournalist) December 26, 2019
Was he the one who planned DETENTION centres too ???
— Just Saying (@darshanik1) December 26, 2019