लाइव न्यूज़ :

भारत में है धरती की सबसे खतरनाक जगह, देखते ही जान से मार देते हैं रहने वाले लोग, हत्या का केस भी नहीं चलता, जानें इस खास द्वीप के बारे में

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 21, 2024 17:27 IST

किसी को साफ-साफ ये भी नहीं पता कि यहां कितने लोग रहते हैं। अनुमान के मुताबिक यहां के निवासियों की संख्या 50 से 400 के बीच है।

Open in App
ठळक मुद्देयहां के लोग किसी बाहरी को देखते ही जान से मार देते हैं।भारत सरकार ने किसी को भी यहां जाने से बैन किया हुआ है उत्तर सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित है

नई दिल्ली: भारत में एक ऐसी जगह भी है जहां रहने वाले लोग आज भी हजारों साल पुराने तौर तरीकों से रहते हैं। यहां के लोग किसी बाहरी को देखते ही जान से मार देते हैं। इसे दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक माना जाता है। यही कारण है कि भारत सरकार ने किसी को भी यहां जाने से बैन किया हुआ है। समुद्र में स्थित इस द्वीप के 3 मील के दायरे में जाने की भी मनाही है।

ये जगह भारत के अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह केन्द्र-शासित प्रदेश के अण्डमान द्वीपसमूह का एक द्वीप है। हम बात कर रहे हैं उत्तर सेंटिनल द्वीप (North Sentinel Island) की। यह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। प्रशासनिक रूप से यह दक्षिण अण्डमान ज़िले का भाग है। उत्तरी सेंटिनल द्वीप में रहने वाली जनजाति आक्रामक और बाहरी लोगों के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील है। जो भी वहां जाने का प्रयास करता है यहां रहने वाले लोग उस पर हमला कर देते हैं। 

इस द्वीप को यात्रा के लिए सबसे खतरनाक स्थान ग्रह पर सबसे खतरनाक स्थान भी घोषित किया गया है। इसके चलते भारत ने अपने नागरिकों के नॉर्थ सेंटिनल द्वीप पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस द्वीप पर रहने वाले सेंटिनलीज़ लोगों के बारे में बहुत कम जानकारी है। अधिकांश जगह जंगल से ढकी हुई है जिससे सरकारी अधिकारियों के लिए द्वीप के बारे में कुछ भी पता लगाना भी मुश्किल है।

किसी को साफ-साफ ये भी नहीं पता कि यहां कितने लोग रहते हैं। अनुमान के मुताबिक यहां के निवासियों की संख्या 50 से 400 के बीच है। कुछ साल पहले भारतीय तटरक्षक बल ने भोजन के पार्सल भेजकर इन लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया था। लेकिन तटरक्षक बल के जहाजों पर पत्थरों और तीरों से हमला कर दिया गया। मानवविज्ञानियों के अनुसार यह जनजाति पिछले 60,000 वर्षों से पूरी तरह एकांत में रह रही है। 

बाहरी दुनिया से कटे होने का सबसे बुरा असर ये हुआ है कि सेंटिनलीज़ के ख़त्म होने का ख़तरा है। वे दूसरों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। उनमें सामान्य सर्दी या फ्लू जैसी नियमित बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई है। इसिलिए यहां किसी के भी जाने की मनाही है।

इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना द्वारा गश्त की जाती है। भारतीय अधिकारी द्वीपवासियों की अकेले रहने की इच्छा का सम्मान करते हैं। यहां के लोग द्वीप पर पहुंचने की कोशिश करने वाले कुछ लोगों की जान भी ले चुके हैं लेकिन इन पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जाता।

भारत ने आधिकारिक तौर 1970 में इस पृथक छोटे द्वीप पर दावा किया था। साल 1771 में द्वीप के बारे में पहली बार स्ट इंडिया कंपनी के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण जहाज ने पता लगाया था। 

टॅग्स :भारतअंडमान निकोबार द्वीप समूह
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

ज़रा हटके अधिक खबरें

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

ज़रा हटकेVIDEO: दूल्हा मंडप में खेलने लगा फ्री फायर, देखें वायरल वीडियो

ज़रा हटकेVIDEO: AAP विधायक गोपाल इटालिया पर जूता फेंका, देखें वायरल वीडियो

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

ज़रा हटकेVIDEO: बारात में रसगुल्ले खत्म होने पर चली-कुर्सियां, मारपीट का वीडियो वायरल