पूरी दुनिया में अक्टूबर महीने में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में माना जाता है। इस दौरान ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है। इसी बीच रविवार को ट्विटर पर #NOBraDay ट्रेंड हो रहा है। बीते दिनों यह सिर्फ दक्षिण कोरिया में चलाई जाने वाली मुहिम थी। लेकिन अब यह #NOBraDay नाम की मुहिम सोशल मीडिया पर ख़ूब सुर्खियां बटोर रही है। इसमें महिलाएं बिना ब्रा के कपड़े पहनकर अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रही हैं।
#NOBraDay का उद्देश्य
इंटरनेशनल नो ब्रा डे इसलिए नहीं है कि ब्रा मत पहनो, बल्कि इसका उद्देश्य ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता पैदा करना है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक दशक पहले, ब्रेस्ट कैंसर के मामले मुंह के कैंसर से भी ज्यादा थे। इस लिस्ट में भारत दुनिया भर में पहले स्थान पर था।
भारत में हर साल स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर) दो प्रतिशत बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्र की महिलाओं में स्तन कैंसर रोग पहले स्थान पर है और ग्रामीण क्षेत्र में गर्भाशय का कैंसर रोग पहले नंबर पर है। देश में हर साल एक लाख से ज्यादा महिलाओं में स्तन कैंसर पाया जा रहा है।
शहर में 30 के मुकाबले एक महिला व ग्रामीण भाग में 60 के मुकाबले एक महिला को स्तन कैंसर होने की संभावना रहती है। महिलाओं को होने वाले कैंसर में 30 प्रतिशत स्तन कैंसर पाया जाता है। स्तन कैंसर में तीसरी व चौथी स्टेज पर निदान होने का प्रमाण 50 प्रतिशत है। इस स्टेज पर उपचार को बहुत अच्छा प्रतिसाद नहीं मिलने से मृत्यु का खतरा अधिक बढ़ रहा है।
वहीं इसके मुकाबले पश्चिमी देशों में 75 प्रतिशत रोगियों का उपचार पहली स्टेज में ही होता है। डॉ जोशी ने यह भी कहा कि कम उम्र में स्तन कैंसर बढ़ने का प्रमाण 50 प्रतिशत है। कम उम्र में स्तन कैंसर 'एग्रेसिव' डॉ चहांदे ने कहा कि कम उम्र में स्तन कैंसर 'एग्रेसिव' होता है। इसके पीछे हर्मोन्स में बदलाव, देरी से शादी, देरी से गर्भावस्था, ज्यादा बच्चे न होना व अयोग्य स्तनपान भी प्रमुख कारण है। कम उम्र के रोगी में पाए जाने वाले कैंसर में उपचार के बाद भी रोग बढ़ने व वापस आने की संभावना अधिक होती है।
इसलिए इस पर जनजागरण की बहुत ज्यादा जरूरत है। इसलिए स्तन में गांठ आने पर समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है।
क्या है #NOBraDay मुहिम और क्यों हुई शुरुआत?
#NOBraDay मुशिम की शुरूआत सबसे पहले दक्षिण कोरिया की सिंगर और एक्ट्रेस सुली ने की। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम के ऑफिसियल अकाउंट पर बिना ब्रा वाली तस्वीर पोस्ट की। सूली की यह तस्वीर देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद से वह दक्षिण कोरिया में ' #NOBraDay' अभियान की सिंबल बन गईं।इसके बाद से पहले दक्षिण कोरिया की महिलाओं ने इस संदेश को आगे बढ़ाया और ब्रा पहनना या न पहनना उन्होंने अपनी निजी आज़ादी का मामला बताया है। देखते ही देखते पूरी दुनिया की महिलाओं ने इसे पोस्ट करना शुरू कर दिया।
ऐसा पहली बार नहीं है कि महिलाओं ने ब्रा के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ी हो। 1968 में मिस अमरीका ब्यूटी कॉन्टेस्ट के दौरान महिलावादियों ने ब्रा जला कर अपना विरोध जताया था।