नई दिल्ली: नवी मुंबई के रहने वाली तय्यब दंपति के लिए खुशखबरी आई, क्योंकि दोनों ही तीन बेटों के बाद एक बेटी को चाहते थे और उनकी पुकार ईश्वर ने सुन ली। हुआ ये कि जब वे कोल्हापुर से मुंबई की यात्रा कर रहे थे, तब महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन में बेटी को जन्म दिया। दोनों मीरा रोड के निवासी हैं, हुसैन तैयब (35) और उनकी पत्नी फातिमा खातून (31) के पहले से ही 6, 5 और 3 साल के बेटे हैं और वे एक बेटी चाहते थे। संयोग की बात ये रही कि उनकी बेटी का जन्म भी महालक्ष्मी एक्सप्रेस में ही हुआ।
बेटी को मुफ्त यात्रा के लिए अभी तक नहीं मिला सर्टिफिकेटतय्यब ने कहा, 'बेटी घर की लक्ष्मी होती है, जिसके लिए हम प्रार्थना करने के लिए तिरूपति भी गए थे। हमारे बच्ची का जन्म ट्रेन में हुआ था और अब हम इंतजार कर रहे हैं कि रेलवे उस दस्तावेज के लिए हमसे संपर्क करे जिससे मेरी बेटी को जीवन भर ट्रेन में मुफ्त यात्रा करने में मदद मिलेगी। मैं इसके लिए कर्ज में रेलवे कार्यालय भी गया और मुझे बताया गया कि मुझे रेलवे से फोन आएगा, लेकिन मुझे ऐसा कोई फोन नहीं आया'।
उन्होंने यह भी कहा कि वह अब जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि कर्जत नगर परिषद के अधिकारी इस प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने दो बार कार्यालय का दौरा किया लेकिन प्रमाणपत्र नहीं मिला। मैं इस तरह यात्रा नहीं कर सकता. मैं ज्यादा नहीं कमाता'।
रेलवे ने फ्री सर्टिफिकेट के लिए ये कहास्क्रैप डीलर के यहां काम करने वाला तैय्यब प्रति माह 15,000 रुपये कमाता है और उम्मीद कर रहा है कि सरकार उसकी बेटी को पालने में किसी तरह मदद करेगी क्योंकि बच्ची का जन्म ट्रेन में हुआ। जब रेलवे पीआरओ से संपर्क किया, तो अधिकारी ने कहा, 'ट्रेन में जन्म लेने वाले बच्चों को मुफ्त यात्रा प्रदान करने की ऐसी कोई योजना नहीं है। अगर हम ऐसी योजना देने लगें तो हर कोई ट्रेन में डिलीवरी करने आएगा।'