कहते हैं कि जिंदगी की खुशी छोटी-छोटी चीजों में भी ढूंढी जा सकती है और हौसला हो तो कोई भी बाधा लक्ष्य तक पहुंचने में बाधक नहीं बन सकता है। 30 साल की मालविका अय्यर की कहानी कुछ ऐसी ही है। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित मालविका अय्यर अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर और डिसएबिलिटी एक्टिविस्ट हैं। सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने एक ग्रेनेड धमाके में अपने दो हाथ खो दिए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर मालविका अय्यर एक ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। 18 फरवरी को उनका जन्मदिन था। मालविका ने ट्वीट किया, "जब 13 साल की थी तो ग्रेनेड धमाके में दोनों हाथों का अगला हिस्सा खो दिया। डॉक्टरों ने सर्जरी करते वक्त भूल कर दी और स्टीचिंग करते समय एक हाथ की हड्डी बाहर ही छूट गई। इससे हाथ का यह हिस्सा यदि कहीं छू जाता तो मुझे काफी दर्द होता। इसके बावजूद उन्होंने जिंदगी में सकारात्मक पहलू को देखा और इसी हड्डी को अंगुली की तरह काम में लिया। मैंने इसी हाथ से अपनी पूरी पीएचडी थीसिस टाइप की।’ राजस्थान के बीकानेर की 30 साल की मालविका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी सम्मानित कर चुके हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल शेपर मालविका संयुक्त राष्ट्र में भी भाषण दे चुकी हैं।
मालविका अय्यर ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि उन्होंने इसी हाथों एक वेबसाइट बनाई है और इसे लेकर रोमांचित हैं। ट्विटर पर यूजर्स उन्हें प्रेरणा की मिसाल बता रहे हैं।