Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले का जबसे आगाज हुआ है तभी से सोशल मीडिया पर एक गाना तेजी से वायरल हो रहा है। 'ये प्रयागराज है' की तर्ज पर बने गाने की सोशल मीडिया पर चारों तरफ धूम है जिस पर हर कोई रील्स और वीडियो बना रहा है। ये रील्स न केवल भारतीय दर्शकों की पहली पसंद हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों के दिलो-दिमाग पर छायी हुई है।
संगीत और दृश्यों का बेहतर संयोजन और प्रस्तुतिकरण सोशल मीडिया की पहली पसंद बना हुआ है। हर बीतते दिन के साथ इस गीत के लाइक्स और व्यूज़ की गिनती नये रिकार्ड बना रही है।
गौरतलब है कि हर गुजरते दिन के साथ इस गाने को लाइक और व्यूज मिलने का सिलसिला नए रिकॉर्ड बना रहा है।
'ये प्रयागराज है' गाना तीर्थों के तीर्थ प्रयागराज की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समर्पित है। भारत की सीमाओं को तोड़ता यह गाना अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और ध्वनि से दुनिया के तमाम देशों में बसे सनातनियों में नई ऊर्जा का संचार कर रहा है। संगीत जगत में इसकी गूंज अब सोशल मीडिया और वैश्विक संगीत प्लेटफॉर्म पर भी सुनाई दे रही है।
गीत की विशेषता इसकी संगीतमय लय तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सनातन संस्कृति में प्रयागराज की महानता, आध्यात्मिकता, पवित्रता और गौरवशाली इतिहास के विभिन्न पहलुओं को उजागर और जीवंत करता है। गीत का हर शब्द प्रयागराज के ऐतिहासिक स्थलों की धार्मिक आभा, सांस्कृतिक वैभव और गरिमा का सुंदर और जीवंत वर्णन करता है।
इस गीत में त्रिवेणी संगम की महिमा, कुंभ मेले की अपार आध्यात्मिकता, अक्षयवट की अनंतता, ऐतिहासिक किलों की वीर गाथा और प्रयागराज का अनूठा सांस्कृतिक परिदृश्य शब्दों और धुनों की अलौकिक छवि में उभरता है। यह गीत केवल संगीत का एक रूप नहीं है, बल्कि प्रयागराज की आत्मा का संगीतमय प्रतिबिंब है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता की लहर इस गीत ने भारतीय लोगों के साथ-साथ विदेशों में बसे सनातनियों के दिलों में भी अपनी खास जगह बना ली है। इस गीत को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य पर लाखों व्यूज और लाइक मिल रहे हैं।
खासकर अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और मध्य पूर्व के देशों में बसे भारतीय इसे अपनी जड़ों से जुड़ने के सेतु के रूप में देख रहे हैं। गीत की लोकप्रियता का प्रमाण यह है कि यह न केवल संगीत प्रेमियों के लिए एक रचनात्मक उपहार के रूप में उभरा है, बल्कि प्रयागराज की भव्यता और आध्यात्मिक पहचान को विश्व पटल पर मजबूती से स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।
लोक गायक मनोज गुप्ता कहते हैं, 'ये प्रयागराज है' केवल एक गीत नहीं है, बल्कि प्रयागराज की पावन धरती से आई एक दिव्य अभिव्यक्ति है। जो इसकी ऐतिहासिक गरिमा, आध्यात्मिक शक्ति और आधुनिक उत्कृष्टता को एक साथ पिरोती है। यह गीत न केवल प्रयागराज की महिमा को स्वरों में समेटे हुए है, बल्कि पूरी दुनिया को इसकी अलौकिक विरासत से जोड़ने का काम भी कर रहा है।
'ये प्रयागराज है' गीत प्रयागराज की आत्मा की प्रतिध्वनि है, जो अब पूरी दुनिया में गूंज रही है। इसकी प्रतिध्वनि समय और सीमाओं से परे बह रही है।'