Watch: घायल बेटे को लेकर कोटा के वकील ने अस्पताल के अंदर चलाया स्कूटर, वाहन को तीसरी मंजिल पर ले गए

By रुस्तम राणा | Updated: June 17, 2023 20:48 IST2023-06-17T20:48:03+5:302023-06-17T20:48:03+5:30

दरअसल, यह घटना कोटा संभाग के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस अस्पताल में गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे हुई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अधिवक्ता मनोज जैन काले कोट में अपने बेटे के पीछे बैठकर ई-स्कूटर से लिफ्ट की ओर जा रहे हैं। 

Kota Lawyer Drives Scooter Inside Hospital With Injured Son, Takes Him to 3rd Floor on Vehicle | Watch: घायल बेटे को लेकर कोटा के वकील ने अस्पताल के अंदर चलाया स्कूटर, वाहन को तीसरी मंजिल पर ले गए

Watch: घायल बेटे को लेकर कोटा के वकील ने अस्पताल के अंदर चलाया स्कूटर, वाहन को तीसरी मंजिल पर ले गए

Highlightsघटना कोटा संभाग के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस अस्पताल में गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे हुईइस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैवीडियो में अधिवक्ता मनोज जैन काले कोट में अपने बेटे के पीछे बैठकर ई-स्कूटर से लिफ्ट की ओर जा रहे हैं

जयपुर: राजस्थान के कोटा में एक वकील को अपने 15 वर्षीय बेटे को अपने ई-स्कूटर पर एक सरकारी अस्पताल की तीसरी मंजिल पर आर्थोपेडिक वार्ड में फ्रैक्चर वाले पैर के साथ ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। वजह है अस्पताल के पास कोई व्हीलचेयर नहीं था। दरअसल, यह घटना कोटा संभाग के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस अस्पताल में गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे हुई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अधिवक्ता मनोज जैन काले कोट में अपने बेटे के पीछे बैठकर ई-स्कूटर से लिफ्ट की ओर जा रहे हैं। 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वकील अपने बेटे को लेकर तीसरी मंजिल पर लिफ्ट से बाहर निकला और मरीजों, आगंतुकों, अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों को हक्का-बक्का छोड़कर वार्ड के चारों ओर घूमता रहा। जैन ने कहा कि जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने स्टाफ मुकेश और सुखलाल से व्हीलचेयर मांगी लेकिन उन्होंने कहा कि यह उपलब्ध नहीं है। उसने दावा किया कि उसने अपने स्कूटर को वार्ड में ले जाने के लिए दोनों से अनुमति ली थी।

हालाँकि, वापस जाते समय, पिता-पुत्र की जोड़ी को वार्ड प्रभारी देवकीनंदन ने रोक लिया, जिन्होंने स्कूटर की चाबी छीन ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद शख्स ने अस्पताल प्रशासन के कथित कुप्रबंधन और व्हीलचेयर की अनुपलब्धता के खिलाफ हंगामा किया। 

पुलिस ने कहा कि बाद में इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया और दोनों पक्षों ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करने का फैसला किया। हंगामा तब शुरू हुआ जब कई अन्य लोगों ने भी मांग की कि उन्हें भी अपने प्रियजनों को दोपहिया वाहन पर वार्ड में लाने की अनुमति दी जानी चाहिए। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल की चेक पोस्ट पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया।

इस बीच, देवकीनंदन ने स्वीकार किया कि वार्ड में व्हीलचेयर की कमी है, जहां रोजाना लगभग 3,000 मरीज आते हैं और आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा। मौके पर पहुंचे अस्पताल के उपाधीक्षक कर्णेश गोयल ने कहा कि सरकार से व्हीलचेयर की आपूर्ति की प्रतीक्षा है और व्हीलचेयर खरीदने के लिए लोगों से भी दान मांगा गया है।
 

Web Title: Kota Lawyer Drives Scooter Inside Hospital With Injured Son, Takes Him to 3rd Floor on Vehicle

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