नई दिल्ली: कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कोविड-19 प्रतिबंधों के खिलाफ हो रह प्रदर्शनों से निपटने के लिए इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। कुछ दिन पहले हालात ऐसे हो गए थे कि ट्रूडो को अपने परिवार सहित गुप्त स्थान पर जाना पड़ा था। ट्रूडो ने भारत में किसान आंदोलन के लिए समर्थन जताया था। ऐसे में कना़डा में इमरजेंसी लगाने के ट्रूडो के फैसले के बाद ट्विटर पर 'खालिस्तान' ट्रेंड करने लगा।
दरअसल, कना़डा में इमरजेंसी की घोषणा के साथ क्राउडफंडिंग को लेकर नियम सख्त कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि ये कदम प्रदर्शनकारियों को मिल रही वित्तीय सहायता को रोकने के लिए उठाया गया है। ऐसे में कई भारतीय यूजर्स ट्वीट कर ट्रूडो को आइना दिखाने की कोशिश करते नजर आए। दरअसल किसान आंदोलन के समय भी खलिस्तान का नाम आया था और ऐसे आरोप लगे थे कि कनाडा और दुनिया के कुछ अन्य देशों में बैठकर खालिस्तान समर्थक भारत में आंदोलन को हवा दे रहे हैं। साथ ही खालिस्तान समर्थकों पर वित्तीय सहायता पहुंचाने का भी आरोप लगा था।
कना़डा में इमरजेंसी, ट्विटर पर खालिस्तान करने लगा ट्रेंड
एक यूजर ने लिखा, 'विरोध-प्रदर्शनों के लिए कनाडा में क्राउडफंडिंग अब आतंकवाद है। इस बीच हमने कनाडा के खालिस्तानियों को बिना किसी कार्रवाई के राष्ट्रीय राजधानी में कानून और व्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए उदारतापूर्वक धन देने दिया।'
एक और यूजर ने लिखा, 'कनाडा में नाकेबंदी अवैध है लेकिन जब भारत की बात आती है तो नई दिल्ली के राष्ट्रीय राजमार्ग को एक साल के लिए अवरुद्ध करना एक लोकतांत्रिक अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है? ऐसा दोहरापन क्यों जस्टिन ट्रूडो? क्या ये केवल राजनीति और खालिस्तान को आत्मसमर्पण है।'
एक यूजर ने पूछा, 'क्या अब आप खालिस्तानियों के बैंक अकाउंट भी फ्रीज करेंगे जो भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करते रहते हैं।'
फ्रीज होंगे प्रदर्शनकारियों को सहायता पहुंचा रहे बैंक खाते
कनाडा में लागू हुए आपातकाल के बाद बैंक और वित्तीय संस्थान अस्थायी तौर पर उन संदिग्धों के खातों को फ्रीज कर सकते हैं जो रास्तों को रोके जाने या प्रदर्शनों का समर्थन कर रहे हैं। कनाडा के इमरजेंसी एक्ट के तहत इस कार्रवाई के लिए किसी कोर्ट के आदेश की भी जरूरत नहीं होगी। साथ ही विरोध-प्रदर्शनों में इस्तेमाल हो रही गाड़ियों के इंश्योरेंस को भी निलंबित किया जा सकता है।
कनाडा में पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। ट्रक ड्राइवरों के लिए कोविड-19 वैक्सीन को अनिवार्य बनाने के फैसले का भी काफी विरोध ट्रूडो को झेलना पड़ा है। पिछले महीने विरोध जताते हुए हजारों की संख्या में ट्रक चालक अपनी ट्रकों सहित राजधानी में दाखिल हो गए थे। इसके बाद सुरक्षा कारणों से ट्रूडो को परिवार सहित गुप्ता स्थान पर जाना पड़ा था।
ट्रुडो ने बहरहाल सेना का इस्तेमाल करने की संभावना से इनकार किया और सोमवार को कहा कि आपातकालीन कदम ‘निश्चित समय सीमा के लिए लगाए जाएंगे, भौगोलिक आधार पर लागू किए जाएंगे और जिस खतरे से निपटने के लिए उन्हें लागू किया गया है, वे उसके अनुपात में एवं तार्किक तरीके से लागू किए जाएंगे।’