'हम देखेंगे' नज्म पर विवाद के बीच फैज अहमद फैज और अटल बिहारी वाजपेयी की गले मिलते तस्वीर वायरल, देखें रिएक्शन
By पल्लवी कुमारी | Published: January 3, 2020 05:55 PM2020-01-03T17:55:14+5:302020-01-03T17:55:14+5:30
आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में परिसर में 17 दिसंबर को मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' गाए जाने के प्रकरण में जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर( IIT Kanpur) में सीएए (CAA) के विरोध में मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' गाए जाने को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। फैज अहमद फैज के इस विवाद के पर सोशल मीडिया दो गुट में बंटा हुआ है। सोशल मीडिया पर कई लोग ऐसे भी हैं जो फैज अहमद फैज को भारत विरोधी बता रहे हैं। इसी बीच ट्विटर पर फैज अहमद फैज और पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहार वाजपेयी की तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर को लेकर भी लोग दो तरह की बात लिख रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि आज जिनको लोग हिंदू विरोधी बता रहे हैं एक वक्त था, जब अटल बिहार वाजपेयी इनसे मिले थे। तो वहीं कुछ लोग लिख रहे हैं कि अटल बिहार वाजपेयी ने गलत इंसान के साथ मुलाकात की थी।
अटल बिहारी वाजपेयी और फैज की मुलाकात
अटल बिहारी वाजपेयी की फैज अहमद फैज एक बार मुलाकात पाकिस्तान में हुई थी। बात 1977-78 की है, जब बतौर विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान के आधिकारिक दौरे पर गए थे। उसी दौरे के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने फैज अहमद फैज से मुलाकात की थी। फैज अहमद फैज उस वक्त एशियाई-अफ्रीकी लेखक संघ के प्रकाशन अध्यक्ष थे। वह बेरुत (लेबनान) में कार्यरत थे लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के दौरे के वक्त वह पाकिस्तान में थे।
कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी ने फैज से मुलाकत सिर्फ एक गजल सुनने के लिए की थी।
हालांकि इसके बाद भी फैज अहमद फैज की मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी से हुई थी, जब वह 1981 में दिल्ली आए थे।
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
1981: Atal Bihari Bajpai with Faiz Ahmed Faiz
— हद-अनहद (@PRaviKant) January 3, 2020
2020: IIT Kanpur sets up panel to decide if Faiz poem ‘Hum Dekhenge’ is anti-Hindu
As a civilization we are going backwards. pic.twitter.com/wDVOHqOUXo
Faiz Ahmed Faiz was greeted by wrong man probably?? pic.twitter.com/HZSw1RRvjO
— dibakar (@dibakaranima) January 3, 2020
1981 : Atal Bihari Vajpayee welcoming Faiz Ahmed Faiz Sahab. pic.twitter.com/AnPfJ2cTLZ
— कbiर🇮🇳 (@Mumbaichamulgaa) January 3, 2020
1981 : Atal Bihari Vajpayee welcoming Faiz Ahmed Faiz@IndiaHistorypicpic.twitter.com/12idSW1eiG
— Ismail Wafa (@ismailwafa_) January 3, 2020
Imagine how aghast Atal Bihari Vajpayee jee would have been to know that Faiz Ahmed Faiz's poem is being deemed anti-Hindu in today's India. Just imagine!
— Aditi Malhotra🇮🇳 (@aditi_malhotra_) January 2, 2020
For that IIT professor who said who knows #Faiz. At least Atal Bihari Vajpayee knew him. One has to be well read in life. https://t.co/CNxHcuoEcUhttps://t.co/mopqtzWiVq
— तमाशबीन (@ScribblerAbhi) January 3, 2020
क्या है भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर( IIT Kanpur) और फैज अहमद फैज से जुड़ा विवाद
17 दिसंबर 2019 को आईआईटी कानपुर के कैंपस में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुई कार्रवाई को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। संस्थान के कई प्रोफेसरों ने कुछ दिनों पहले यह शिकायत की थी कि 17 दिसंबर को हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की नज्म ‘हम देखेंगे, लाजिम है हम भी देखेंगे…’ गाई।
शायर फैज अहमद फैज की नज्म ‘हम देखेंगे, लाजिम है हम भी देखेंगे…’ के बोल जिसपर विवाद हुआ है वह इस प्रकार हैं- ''लाजिम है कि हम भी देखेंगे, जब अर्ज-ए-खुदा के काबे से, सब बुत उठाए जाएँगे, हम अहल-ए-वफा मरदूद-ए-हरम, मसनद पे बिठाए जाएँगे। सब ताज उछाले जाएँगे, सब तख्त गिराए जाएँगे। बस नाम रहेगा अल्लाह का। हम देखेंगे।'' हालांकि ये शायर फैज अहमद फैज की पूरी नज्म नहीं है। ये उनके नज्म की कुछ लाइने हैं।
फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' गाए जाने के प्रकरण में जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इस गठित समिति से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।