राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाने वाला है। 5 सदस्यीय संविधान पीठ सुबह साढ़े 10 बजे से अपना फैसला पढ़ना शुरू करेगी। इस संवेदनशील मामले को देखते हुए देशभर की पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में धारा 144 लागू किया गया है और स्कूल-कॉलेज बंद रखा गया है। फैसले से पहले ट्विटर पर टॉप ट्रेंड कर रहा है 'हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई' #hindumuslimbhaibhai. इस हैशटैग के साथ हजारों लोगों का कहना है कि फैसला कुछ भी हो लेकिन देश में हिंदू-मुस्लिम एकता बने रहना चाहिए।
कुछ यूजर भारत के संविधान की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य राज्य है। वहीं कुछ यूजर का कहना है कि फैसला आने के बाद शांति बनाए रखें और किसी भी तरह हिंसा को बढ़ावा ना दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विभिन्न धर्म गुरुओं ने लोगों से शांति बनाए रखने तथा न्यायालय के फैसले का सम्मान करने की अपील की है। दिल्ली में फैसला सुनाने वाली संविधान पीठ के पांचों न्यायाधीशों के आवास के बाहर शुक्रवार से सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर एक नोटिस के माध्यम से शुक्रवार शाम जानकारी दी गई कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ शनिवार सुबह साढ़े दस बजे इस मामले में फैसला सुनायेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देर शाम कहा कि अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला आएगा, वह किसी की हार-जीत नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार रात सिलसिलेवार ट्वीट कर यह अपील की।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।"