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Fact Check: कृषि से जुड़े दो बिल के संसद से पास होने के बाद 7 साल पुरानी फोटो वायरल, जानें क्या है सच्चाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 21, 2020 11:27 IST

दिल्ली यूथ कांग्रेस व मुंबई यूथ कांग्रेस समेत कई पेज से इस पुरानी फोटो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दावा किया गया है कि कृषि संबंधी बिल पास होने के बाद किसानों के विरोध के दौरान की ये फोटो है।

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ठळक मुद्दे2013 के दौरान मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी विधायक संगीत सोम को गिरफ्तार करने के दौरान की यह तस्वीर है। कृषि संबंधी बिल सांसद से पास होने के बाद देश भर में हो रहे किसानों के आंदोलन से इस तस्वीर का कोई लेना-देना नहीं है।  

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने सड़क से संसद तक हो रहे विरोध के बावजूद कृषि से जुड़े दो बिल को लोकसभा व राज्यसभा से पास करा लिया है। कृषि संबंधी विधेयक के रविवार को राज्यसभा में पास होते ही विपक्षी दल के सांसदों ने सरकार व उपसाभति हरिवंश का पुरजोर विरोध किया। वहीं, देश के अलग-अलग राज्यों में किसान भी सड़क पर उतरकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल होने लगा। 

दिल्ली यूथ कांग्रेस व मुंबई यूथ कांग्रेस समेत कई फेसबुक पेज से इस फोटो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया। इस फोटो में दावा किया गया कि कृषि संबंधी बिल सदन में पास होने के बाद किसानों  के विरोध के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पिस्टल तान दी है। फोटो में भी देखा जा सकता है कि एक उम्रदराज आदमी हाथ में लाठी व ईंट लिए खड़ा है, जबकि सामने हेलमेट पहने एक सुरक्षाकर्मी पिस्टल ताने खड़ा है।

 

क्या है सोशल मीडिया पर वायरल इस फोटो की सच्चाई-

जब हमने इस फोटो की पड़ताल की तो गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से पता चला कि 7 साल पहले इस फोटो को पहली बार इस्तेमाल किया गया है।  यही नहीं आज तक ने अपने फैक्ट चेक में पाया है कि यह फोटो सात साल पुरानी है। 

दरअसल, 2013 के दौरान मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी विधायक संगीत सोम को गिरफ्तार करने जब पुलिस उनके गांव पहुंची थी, तो इस समय गांव में सैकड़ों लोग उनके गिरफ्तारी के विरोध में जमा हो गए थे। उसी दौरान भीड़ पुलिस प्रशासन के खिलाफ उग्र हो गई थी। इसी समय का यह फोटो है। 

कृषि संबंधी बिल के पास होने के बाद हो रहे किसान आंदोलन से फोटो का नहीं है संबंध-

बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में भी इस फोटो का इस्तेमाल आज से करीब 7 साल पहले ही की है। यह यूपी के मुजफ्फरनगर दंगा के बाद की तस्वीर है। इस तरह साफ है कि कृषि संबंधी बिल सांसद से पास होने के बाद देश भर में हो रहे किसानों के आंदोलन से इस तस्वीर का कोई लेना-देना नहीं है।  

टॅग्स :नरेंद्र मोदीसोशल मीडियाकिसान विरोध प्रदर्शनउत्तर प्रदेशमुजफ्फरपुर
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