चमत्कार: हरियाणा में एम्बुलेंस के गड्ढे से टकराने के बाद 'मृत आदमी' हुआ जिंदा, अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे परिवार में लौटी खुशियां
By रुस्तम राणा | Published: January 13, 2024 04:28 PM2024-01-13T16:28:05+5:302024-01-13T16:32:27+5:30
चंडीगढ़: सड़कों में गड्ढों के कारण बड़े-बड़े हादसे देखने को मिलते हैं। कई बार तो इन गड्ढों के कारण होने वाले हादसे में व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। लेकिन अगर यही गड्ढे किसी मृत व्यक्ति को जीवन देने का कारण बन जाएं तो आप निश्चित ही इसे चमत्कार ही कहेंगे। दरअसल, बीते गुरुवार को हरियाणा में एक ऐसा अनोखा वाक्या हुआ कि जिस पर यकीं कर पाना जरा मुश्किल है।
हुआ यूं कि राज्य के एक 80 वर्षीय व्यक्ति के लिए सड़क में पाए जाने वाले गड्ढे सचमुच जीवनरक्षक साबित हुए। डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए गए, दर्शन सिंह बराड़ के "शव" को पटियाला से करनाल के पास उनके घर ले जाया जा रहा था, जहां शोक मनाने वाले रिश्तेदार इकट्ठा हुए थे, उनके अंतिम संस्कार के लिए पूरी तैयारी कर ली गई थी। लेकिन रास्त में उनके शव को जब एम्बुलेंस द्वारा लाया जा रहा था तो वाहन एक गड्ढे से टकरा गया, जिससे वाहन जोरों से हिला और इसी बीच मृत व्यक्ति जिंदा हो गया।
दर्शन सिंह बराड़ के परिजनों ने यही दावा किया है। बराड़ के परिवार ने कहा कि उनके पोते, जो एम्बुलेंस में उनके साथ थे, ने उन्हें अपना हाथ हिलाते हुए देखा और दिल की धड़कन महसूस होने पर, एम्बुलेंस चालक को निकटतम अस्पताल में जाने के लिए कहा। वहां डॉक्टरों ने उसे जीवित घोषित कर दिया। 80 वर्षीय हृदय रोगी का अब करनाल के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। परिवार ने इस घटना को चमत्कार बताया है और अब उनके शीघ्र स्वस्थ होने की उम्मीद कर रहे हैं।
बराड़ के पोते में से एक, बलवान सिंह ने कहा कि 80 वर्षीय बराड़ करनाल के पास निसिंग में रहते हैं, जहां एक पूरी कॉलोनी का नाम उनके नाम पर रखा गया है। बराड़ की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी और बलवान सिंह के भाई उन्हें इलाज के लिए पटियाला में उनके घर के पास एक अस्पताल में ले गए।
बलवान ने कहा कि उनके दादा चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे और गुरुवार सुबह डॉक्टरों ने कहा कि उनकी दिल की धड़कन बंद हो गई है। उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौत की खबर से परिवार और रिश्तेदारों में मातम छा गया था। लेकिन अब उनके दोबारा जिंदा होने से परिवार में खुशियां लौट आई हैं।