बिहार: BJP विधायक ने कोटा से बेटे को घर लाने के लिए ली अनुमति, तो प्रशांत किशोर ने कहा- नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?
By अनुराग आनंद | Published: April 19, 2020 04:13 PM2020-04-19T16:13:01+5:302020-04-19T16:13:01+5:30
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे सैंकड़ों बच्चों को वापस लाने से इनकार यह कहते हुए किया था कि इससे लॉकडाउन का मर्यादा टूट जाएगा। लेकिन, अब जब उनके ही विधायक अपने बच्चे को लाने जा रहे हैं तो कहां गई नीतीश जी की मर्यादा?
पटना: कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन के बीच बिहार के नवादा विधानसभा से विधायक अनिल सिंह ने अपने बेटे को कोटा से वापस घर लाने के लिए सरकारी अधिकारी से गाड़ी ले जाने की अनुमति ले ली। विधायक को यह अनुमति 16 अप्रैल 2020 से 25 अप्रैल 2020 तक के लिए दी गई है। इस मामले में प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के खिलाफ होगा। पीके ने कहा कि अब उन्हीं की सरकार ने बीजेपी के एक एमएलए को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?
कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को @NitishKumar ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना #lockdown की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 19, 2020
अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है? pic.twitter.com/mGy9v0MHQS
बता दें कि इससे पहले शनिवार को प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए साफ कहा था कि बिहार के लोग बाहर फंसे हुए हैं और हमारे मुख्यमंत्री मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं।
आज अपने ट्वीटर अकाउंट पर प्रशांत किशोर ने लिखा है कि देश भर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और नीतीश कुमार जी लॉकडाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं। स्थानीय सरकारें कुछ कर भी रहीं हैं, लेकिन नीतीश जी ने सम्बंधित राज्यों से अब तक कोई बात भी नहीं की है।
पीएम मोदी के साथ मीटिंग में भी उन्होंने इसकी चर्चा तक नहीं की। इसके बाद जदयू नेता निखिल मंडल ने ट्वीट कर लिखा कि दूसरी सरकार क्या कर रही है? वो जाने पर आपको भी बेहतर पता है लॉकडाउन का मतलब। बिहार सरकार अन्य राज्यों में 50 से अधिक राहत केंद्र चला रही है। जिसका 7 लाख 66 हजार 920 लोग लाभ उठा चुके है। बाहर फसें 10 लाख 11 हजार लोगों के खाते में 1000 रु की राशि भेज दी गई है। समझे साहब।
दरअसल, ये अप्रवासी बिहार विधान सभा चुनाव में महत्वपूर्ण वोट बैंक होने वाले हैं। इस कारण उनपर राजनीतिक दलों की नजर है। अगर नीतीश सरकार अप्रवासी बिहारियों की समस्याओं का समाधान कर दे तो एक बडा वोट बैंक उसके पक्ष में हो सकता है। ऐसे में विपक्ष अप्रवासियों की नाराजगी को भुनाने में लगा है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के नाम संदेश में कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पूरी मानव जाति संकट के दौर से गुजर रही है।