भारत आज अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। भारत के आजादी के दिन पाकिस्तान में भी 'जय हिंद' के नारे लग रहे हैं। बलूचिस्तान जो पिछले काफी समय से इस बात की मांग कर रहा है कि उसे पाकिस्तान से आजादी चाहिए। उन्होंने 15 अगस्त के दिन भारतवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। बलूचिस्तान के कार्यकर्ता ने 15 अगस्त के दिन भारत की सरकार से मांग की है कि वह उन्हें पाकिस्तान से आजाद करवाये। बलूच कार्यकर्ताओं भारत सरकार से अपील की है, वह उनकी आजादी में मदद करें।
कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही बलूचिस्तान भारत सरकार ने सहयोग मांग रहा है कि ताकि वो पाकिस्तान से अलग हो जाये। सोशल मीडिया पर #BalochistanSolidarityDay ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड के साथ लोग मोदी सरकार ने मांग कर रहे हैं कि उन्हें पाकिस्तान से आजादी दिलाने में मदद की जाये।
हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक बलूच कार्यकर्ता अट्टा बलोच ने कहा है, “मैं अपने भारतीय भाइयों और बहनों को स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ। पिछले 70 वर्षों में उन्होंने जो सफलता हासिल की है, वह भारतीयों को गर्व महसूस कराती है। आज दुनिया भर में भारतीय गर्व करते हैं। हम बलूच उनकी एकजुटता और मदद के लिए आभारी हैं। हम चाहते हैं कि वे एक स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए अपनी आवाज बुलंद करें। हमें उनके समर्थन की जरूरत है। धन्यवाद और जय हिंद। ”
आप भी देखें कुछ ट्वीट
सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि पाकिस्तान के आतंकवाद देश है जो बलूचिस्तान को तबाह करने में लगा है।
1948 से बलूचिस्तान पाकिस्तानी कब्जे के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। बलूस्तिान हमेशा दावा करता रहा है कि उन्हें 11 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिली थी । लेकिन पाकिस्तान ने इसे अपना हिस्सा मानकर कब्जा कर लिया है। पाकिस्तानी सेना ने कई बार बलूच आंदोलन को निर्मम तरीके से खत्म किया है। बलूचिस्तान दक्षिण पश्चिम पाकस्तिान, ईरान के दक्षिण पूर्वी प्रांत सिस्तान और अफगानिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत तक फैला हुआ है। लेकिन इसका अधिकांश इलाका पाकस्तिान के कब्जे में है।
1970 के दशक में बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ
बलूचिस्तान पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। वह पाकिस्तान का करीब 44 फीसद हिस्सा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची है। 1944 में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी को आया था। लेकिन 1947 में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। 1970 के दशक में बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की मांग उठी।