केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाला आर्टिकल 370 खत्म करने की पेशकश की है। आज (6 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में पेश हुआ। इस मामले पर लोकसभा में चर्चा जारी है। पांच अगस्त को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है। बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं। इसी बीच कांग्रेस को लेकर सोशल मीडिया पर #ShameOnCongress ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग के साथ लोग कांग्रेस पार्टी के नेताओं की आलोचना कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि कांग्रेस के पास आर्टिकल 370 के विपक्ष में कोई भी मजबूत प्वाइंट नहीं है।
ट्विटर पर बहस में जिनकी सबसे ज्यादा आलोचना की जा रही है वो हैं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी। आर्टिकल 370 के खात्मे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी जा सकती है। इस चर्चा के दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच तीखी बहस हुई। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा- भारत के विदेश मंत्री ने माइक पोम्पियो से कहा था कश्मीर द्विपक्षीय मामला है, अब आंतरिक कैसे हो गया? इसी बात को लेकर ट्विटर पर लोग अधीर रंजन चौधरी की आलोचना कर रहे हैं कि अब कश्मीर का मुद्दा भी इनके लिए बाहरी का मामला हो गया है।
ट्विटर पर एक यूजर ने कहा, लोकसभा में अमित शाह और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की तीखी बहस देख कर ऐसा लग रहा है मानों पाकिस्तान ने अपने प्रतिनिधी को भेजा है।
आप भी देखें कुछ ट्वीट
आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र के फैसले का समर्थन करने वाले अपनी पार्टी के नेताओं पर भड़के कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है, ''जिन लोगों को इतिहास या कांग्रेस का इतिहास नहीं पता है उनसे मुझे कोई लेना देना नहीं। वे पहले जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़ लें, फिर कांग्रेस में रहे।''
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, विलय का मतलब जम्मू-कश्मीर को एकतरफा फैसले में टुकड़ों में बांटना, जन प्रतिनिधियों को जेल भेजना और संविधान का उल्लंघन नहीं है। देश लोगों से बनता है, जमीन के टुकड़े से नहीं। शक्ति के इस गलत इस्तेमाल का राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ेगा।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों को विभाजित करने से संबंधित संकल्प और विधेयक पास कराने के लिए लोकसभा में चर्चा जा रही है। इससे पहले राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी है।