रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दशहरा के अवसर पर मंगलवार (9 अक्टूबर) को पेरिस में पहला राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त करने के बाद 'शस्त्र पूजा' की। शस्त्र पूजा की विपक्ष जमकर आलोचना कर रहा है। कांग्रेस ने राफेल शस्त्र पूजा को मोदी सरकार का ड्रामा कहा है। इसी बीच धर्म गुरु आचार्य प्रमोद का भी एक ट्वीट में चर्चा में आ गया है। ट्वीट में आचार्य प्रमोद ने राफेल शस्त्र पूजा पर एक गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, 'रक्षा मंत्री हिंदू हैं तो राफेल पर ॐ लिखा गया, अगर मुसलमान होते तो क्या अजान देता'।
ट्वीट में आचार्य प्रमोद ने लिखा, ''रक्षा मंत्री हिंदू हैं तो राफेल को रोली चंदन लगा कर ओम लिख दिया गया, लेकिन अगर मंत्री मुसलमान होता तो क्या अजान देता, ऐसा लगता है कि अब संविधान से सैक्यूलर शब्द हटा देना चाहिए।''
इस ट्वीट पर लोगों ने आचार्य प्रमोद को ही ट्रोल कर दिया है। लोगों ने ट्वीट पर लिखा है, सबसे पहले आप ये धर्म गुरु होने का पाखंड बंद कर दीजिए।
वहीं एक यूजर ने लिखा, संविधान में कोई सैक्यूलर शब्द है ही नहीं।
एक यूजर ने लिखा, लगता है आचार्य प्रमोद ओम का मतलब भूल गए हैं।
एक यूजर ने लिखा है, अजान देने वाले लोगों ने कभी राफेल लाने की कोशिश ही नहीं की।
राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा के दौरान जेट पर ओम की आकृति उकेरी और नारियल, निम्बू से पूरे विधि विधान से पूजा की। राफेल लड़ाकू विमान की पूजा के बाद राजनाथ सिंह ने करीब 25 मिनट उड़ान भरने के बाद कहा कि भारत किसी अन्य देश को धमकाने के लिए हथियार नहीं खरीदता है। साथ ही उन्होंने अपनी उड़ान को बहुत ‘आरामदेह और सुगम’ बताया।
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मैं हर साल लखनऊ में शस्त्र पूजन करता हूं और आज मैंने फ्रांस में यहां शस्त्र के रूप में राफेल की पूजा की।’’ मंत्री ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाने की उम्मीद है।