मिस्त्र में आर्कियोलॉजिस्ट ने नया मकबरा खोजा है। असल में एक पुराने पिरामिड के आस-पास चलने से जमीन से अजीब सी आवाजें आती थी। जब आर्कियोलॉजिस्ट्स को पता चला तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से प्रभावित इलाके की खुदाई करने लगे। इस खुदाई में पूरा का पूरा मकबरा जमीन के नीचे से मिला।
मिस्त्र के संस्कृति मंत्रालय के एक ऑफिशियल मुस्तफा वजीरी ने कहा कि ये पिछले कुछ दशकों में हुई सबसे अनूठी खोज है। अभी भी लगातार उस मकबरे के आस-पास काम हो रहा है। ये मकबरा राजधानी काहिरा के सक्कारा प्रांत के एक पिरामिड के पास मिला है। सिर्फ यही नहीं अचम्भे कि बात तो ये है कि इस मकबरे के अंदर बनी रंग-बिरंगी नक्काशी और फैरो की विशाल मूर्तियां मिली हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिरामिड के नीचे जमीन से आवाजे इसलिए आ रही थी कि जमीन के नीचे काफी खाली हिस्सा था वहीं कुछ हवा के बबल के कारण भी आवाज आ रही थी। एक्सपर्ट ने ये भी बताया कि मकबरे को देखने से पता चलता है कि वहां कोई धर्मगुरू या पुजारी रहा करता होगा। जिनका चित्र मकबरे से मिला है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मकबरे में खुदाई शुरू करेने पर अभी बहुत सी चीजें और सिखने को मिलेंगी। मिस्त्र में आज से 4400 साल पहले पुजारी और धर्मगुरू रहा करते होंगे। इसलिए भी इस मकबरे की काफी महत्ता है। इस मकबरे से कई सारी पुरानी और पौराणिक चीजें पता चलेंगी।