चीन पाकिस्तान के एक छोटे से तटीय शहर में मदद के तौर पर पानी की तरह पैसे बहा रहा है, जिसका मकसद स्थानीय लोगों का दिल जीतना है। ग्वादर को चीन एक प्रमुख कमर्शल पोर्ट के तौर पर विकसित कर रहा है अमेरिका और भारत को यह डर है कि आगे चलकर चीन ग्वादर को अपनी नौसेना के बेस के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है इचिंग ने ग्वादर में स्कूल बनवाया है, डॉक्टरों को भेजा है और वहां एयरपोर्ट, अस्पताल, कॉलेज और पानी के लिए इन्फ्रस्ट्रक्चर को बनाने के लिए 50 करोड़ डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपये के ग्रांट दिए हैं अरब सागर के तट पर स्थित ग्वादर कमर्शल तौर पर बेहद महत्वपूर्ण बंदरगाह है क्योंकि यह दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री रूट में से एक है, जहां से प्राकृतिक तेल और गैस का परिवहन होता है पाकिस्तान ने दोनों हाथ खोलकर चीन की मदद का स्वागत किया है। लेकिन एक छोटे से शहर के लिए चीन ने जिस अंदाज में आर्थिक मदद दी है उससे भारत और अमेरिका की उन चिंताओं को बल मिला है कि चीन भविष्य में ग्वादर को अपनी नौसेना के बेस के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है ताकि अमेरिकी नौसेना के प्रभुत्व को चुनौती दे सके |