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15 दिसंबर से लगेगा खरमास, जानें इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: December 15, 2020 12:42 PM2020-12-15T12:42:51+5:302020-12-15T12:44:17+5:30

हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ तिथी देखी जाती है. किसी भी कार्य में सबसे पहले मुहूर्त और ग्रहों तथा नक्षत्रों की चाल देखी जाती है. वहीं 15 दिसंबर यानी मंगलवार से खरमास (Kharmas) लग रहे हैं. ये 14 जनवरी 2021 को समाप्त होंगे. इस महीने में सारे शुभ कार्य बंद हो जाते हैं.

 

सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश करने पर खरमास लगता है. जिसके बाद सभी शुभ काम करना वर्जित माना जाता है. सूर्य जब-जब बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है तब खरमास होता है क्योंकि सूर्य के कारण बृहस्पति निस्तेज हो जाते हैं. इसलिए खरमास में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं, क्योंकि शुभ कार्यो के लिए बृहस्पति का साक्षी होना आवश्यक है.

 

खरमास में क्या करें ?

खरमास के माह में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें. इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं और उनकी पूजा-अर्चना करें. इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है. खरमास के माह में भगवान विष्णु और भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. खरमास के माह में पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है.

 

पवित्र नदी में स्नान करने से पापों और रोगों से मुक्ति मिलती है. खरमास में दान करने का विशेष महत्व है. गरीबों को दान देना चाहिए और साधु-संतों की सेवा करनी चाहिए. ऐसा करने से सौभाग्य आता है.

 

खरमास में क्या नहीं करें ? खरमास के महीने में में विवाह, जनेऊ, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. खरमास खत्म होने के बाद आप शुभ मुहूर्त देखकर मांगलिक कार्य कर सकते हैं. खरमास के महीने में मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इनका सेवन करने से जिंदगी में परेशानियां आने लगती हैं.

 

खरमास के महीने में नया कार्य ना शुरू करें. ऐसा करना आपकी आर्थिक स्थिती को मुश्किलों में डाल सकता है खरमास के महीने में बच्चें का मुंडन जैसे शुभ कार्य को भी ना करवाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चे के भविष्य भी इससे खतरा हो सकता है

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