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Basant Panchami 2021 Date and Time: कैसे करें माँ सरस्वती को खुश ?

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: February 5, 2021 04:52 PM2021-02-05T16:52:41+5:302021-02-05T16:53:07+5:30

हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत (वसंत) पंचमी मनाई जाती है. भारत में इस दिन से ही बसंत ऋतु की शुरूआत होती है. बसंत पंचमी के दिन विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस बार बसंत पंचमी का पर्व 16 फरवरी मंगलवार (Basant Panchami 2021) के दिन मनाया जाएगा.

 

16 फरवरी को तड़के 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि प्रारंभ हो रही है जो 17 फरवरी को सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. बसंत पंचमी के दिन  पीले वस्त्र पहनने चाहिए. इस दिन  हल्दी से सरस्वती मां का पूजन करने का विशेष महत्व है.मान्यताओं के अनुसार ज्ञान की देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं. इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन पूरे विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से वो प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

 

कैसे करें मां सरस्वती की पूजा? (Saraswati Puja Vidhi)
इस दिन विद्यार्थी, लेखक और कलाकारों को देवी सरस्वती की विधि-विधान से उपासना करनी चाहिए. विद्यार्थी अपनी किताबें, लेखक अपनी कलम और कलाकार अपने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट और बाकी चीजों को  मां सरस्वती के सामने रखकर पूजा करनी चाहिए. बसंत पंचमी  पर मां सरस्वती की पूजा में हल्दी का प्रयोग जरूर करें.

 


मान्यताओं अनुसार इस दिन गंगा स्नान करना बहुत शुभ होता है.इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें. पूजा के लिए सबसे पहले मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें. मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें. मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें. केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा.  इसके बाद सरस्वती वंदना गाकर मां की आरती करें. ऐसी मान्यता है कि मां सरस्वती का पूजन करने से ज्ञानि की प्राप्ति होती है.शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.

 

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