googleNewsNext

Maharashtra के Yavatmal में बच्चों को Polio Drops की जगह पिला दिया गया sanitizer

By गुणातीत ओझा | Updated: February 3, 2021 00:28 IST2021-02-03T00:28:10+5:302021-02-03T00:28:58+5:30

महाराष्ट्र के यावतमाल में बच्चों की सेहत के साथ लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां पांच साल से कम उम्र के 12 बच्चों को पोलियो की दवा की जगह सैनेटाइजर पिला दिया गया। तबीयत बिगड़ने पर बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

2 बूंद लापरवाही के
बच्चों को पिलाया गया सैनेटाइजर

महाराष्ट्र के यावतमाल में बच्चों की सेहत के साथ लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां पांच साल से कम उम्र के 12 बच्चों को पोलियो की दवा की जगह सैनेटाइजर पिला दिया गया। तबीयत बिगड़ने पर बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यावतमाल डिस्ट्रिक्ट काउंसिल चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर श्रीकृष्ण पांचाल ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि ये सभी बच्चें अब ठीक हैं। उन्होंने बताया कि एक स्वास्थ्य कर्मी, एक डॉक्टर और एक आशा वर्कर को इस मामले में निलंबित किया जाएगा। 

श्रीकृष्ण पांचाल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया,'यावतमाल में पांच साल से कम उम्र के 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स की जगह सैनिटाइजर दे दिया गया। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिलहाल वे ठीक हैं। इस मामले में एक स्वास्थ्य कर्मी, डॉक्टर और एक आशा वर्कर को निलंबित किया जाएगा।' दरअसल, रविवार की सुबह यवतमाल की एक ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय पोलियो अभियान चलाया गया। यहां 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया गया। जिसके बाद इन बच्चों ने देर रात उल्टी और स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों की बात कही। तबीयत बिगड़ने पर इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पांचाल ने कहा कि मामले की जांच पूरी होने के बाद घटना के दोषी तय किए जाएंगे। अस्पताल में भर्ती बच्चों की तबीयत अब स्थिर है।

इस लापरवाही का शिकार हुए दो बच्चों के पिता किशन शामराव गेदाम ने इंडिया टुडे को बताया कि उनके बच्चों को जब पोलियो की ड्रॉप दी गई तो उसके बाद उनके बच्चे उल्टी करने लगे। इसके बाद जब स्वास्थ्यकर्मियों को इस बात का एहसास हुआ कि उन्होंने पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया है तो दोबारा उन लोगों ने पोलियो ड्रॉप पिलाई। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों का काफी ख्याल रखते हैं लेकिन स्वास्थकर्मियों की यह लापरवाही की हद है।

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जनवरी को साल 2021 के लिए पल्स पोलियो अभियान शुरू किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बीते एक दशक से पोलियो का कोई मामला नहीं आया है। भारत में पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी, 2011 को आया था। हालांकि, देश में पोलियो को दोबारा पैर पसारने से रोकने के लिए सरकार सतर्क है क्योंकि भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्ता और पाकिस्तान में यह बीमारी अभी भी मौजूद है। इसलिए पोलियो को हराने के लिए साल में दो बार वैक्सीन प्रोग्राम आयोजित होता है।

टॅग्स :महाराष्ट्रयवतमालMaharashtrayavatmal-ac