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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को करेंगे नए संसद भवन का भूमिपूजन, जानिए इसकी सभी खासियत

By विनीत कुमार | Published: December 6, 2020 11:33 AM2020-12-06T11:33:02+5:302020-12-06T11:38:10+5:30

नए संसद भवन के लिए भूमिपूजन का कार्यक्रम 10 दिसंबर को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये भूमिपूजन करेंगे। नए भवन के 2022 तक बन कर तैयार होने की उम्मीद है।

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूमिपूजन के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिया निमंत्रणसाल 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा नया संसद भवन, लोकसभा में 800 से ज्यादा सदस्यों के बैठने की होगी क्षमता

अंग्रेजों के जमाने का बना भारत का संसद भवन बहुत जल्द अब केवल इतिहास की धोरहर बन कर रह जाएगा। दरअसल, मौजूदा संसद भवन के करीब ही नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है इस काम को साल 2022 तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है। साल 2022 भारत के लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी के साथ भारत की आजादी के 75 साल भी पूरे हो जाएंगे।

पीएम मोदी 10 दिसंबर को करेंगे भूमिपूजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के लिए भूमिपूजन करेंगे। ये भूमिपूजन 10 दिसंबर को दोपहर एक बजे किया जाएगा और इसी के साथ नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रख दी जाएगी।

संसद का नए भवन में क्या नई बात होगी, ये कितना खास होगा, क्या ऐसे बदलाव होंगे जो वर्तमान भवन में नहीं थे और मौजूदा भवन में शामिल किए जाएंगे, ये सभी बातें हम आपको बताएंगे, लेकिन इससे पहले अगर अब तक आपने हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है जो अभी जरूर कर लें। साथ ही अगर आप ये वीडियो फेसबुक पर देख रहे हैं तो हमारे पेज को भी लाइक करना नहीं भूले।

बहरहाल, अब बात नए संसद भवन निर्माण की तो नए भवन के निर्माण की आधारशिला से जुड़े कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा। कुछ लोग मौके पर मौजूद होंगे और अन्य लोग डिजिटल माध्यम से शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में कोरोना वायरस से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन होगा।

क्या होगी नए संसद भवन की खासियत

नए भवन का स्वरूप भी एक तरह से वर्तमान भवन की तरह ही होगा। अनुमान के अनुसार नए संसद भवन के निर्माण में 971 करोड़ रुपये की लागत आएगी। संसद की नई इमारत भूकंप रोधी क्षमता वाली होगी और इसके निर्माण में 2000 लोग सीधे तौर पर शामिल होंगे। वहीं करीब 9000 लोगों की परोक्ष भागीदारी होगी। साथ ही बता दें कि संसद का नया भवन 64 हजार 500 वर्गमीटर क्षेत्र में होगा और भूकंप रोधी क्षमता से लैस होगा।

मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नए संसद भवन को लेकर जानकारी देते हुए बताया है कि इसमें 1224 सांसद एक-साथ बैठ सकेंगे। नए भवन में एक विशाल संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही सांसदों के लिए एक ‘लॉन्ज’ होगा। उनके लिए पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र भी होंगे।

इस नए भवन की ऊंचाई वर्तमान संसद भवन के बराबर ही होगी ताकि दोनों भवनों में समरूपता दिखे। यही नहीं, नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होंगे जो आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से लैस होंगे और ये ‘कागज रहित कार्यालय’ बनाने की दिशा में कदम होगा।

अब बात लोकसभा और राज्य सभा की...नए भवन का लोकसभा कक्ष पहले से बड़ा होगा। इसमें 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे। भविष्य में दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है। मौजूदा समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य हैं।

गौरतलब है कि इसी साल सितंबर महीने में नए संसद भवन के निर्माण का ठेका टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को मिला था।

मौजूदा संसद भवन का अब क्या होगा

लोकतंत्र का वर्तमान मंदिर अगले साल यानी 2021 में अपने 100 साल पूरे करने जा रहा है। नया भवन बन जाने के बाद संसद के वर्तमान भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा।

वर्तमान संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और इसके बनने में छह साल का समय लगा था और उस समय इसके बनने में 83 लाख रुपये की लागत आई थी। संसद का मौजूदा भवन एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। इस भवन का उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था।

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