भारत से लगती LAC पर स्थाई सैन्य ढांचे बना रहा है चीन, भारी हथियारों की तैनाती भी की, रिपोर्ट से खुलासा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 29, 2024 11:03 AM2024-04-29T11:03:21+5:302024-04-29T11:10:28+5:30
नवीनतम उपग्रह इमेजरी, खुफिया रिपोर्ट और अन्य इनपुट लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले 3,488 किलोमीटर एलएसी के सभी तीन क्षेत्रों में चल रही चीनी गतिविधि को दर्शाते हैं।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ आमने-सामने के सैन्य टकराव को अब चार साल हो गए हैं। इसके बाद से ही पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी तनाव है। भले ही हाल के दिनों में कोई सैन्य टकराव न हुआ हो लेकिन चीन ने सीमा पर बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा है। चीन सीमा पर 'ज़ियाओकांग' गांव बसा रहा है। यह दोहरे उपयोग के लिए है। इन गांवों में आम नागरिक भी होंगे और साथ यहां सैन्य साजोसामान का जमावड़ा भी होगा।
टीओआई ने सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के हवाले से बताया है कि नवीनतम उपग्रह इमेजरी, खुफिया रिपोर्ट और अन्य इनपुट लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले 3,488 किलोमीटर एलएसी के सभी तीन क्षेत्रों में चल रही चीनी गतिविधि को दर्शाते हैं। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) एलएसी के साथ विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सैन्य स्थिति मजबूत कर रही है और बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत कर रही है। इसमें पूर्वी लद्दाख में सेना के पीछे हटने के बाद बनाए गए बफर जोन भी शामिल हैं।
चीन ने हाल ही में सैमजंगलिंग के उत्तर से गलवान घाटी तक एक सड़क का निर्माण पूरा किया है। पीएलए कैलाश रेंज और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स सहित पैंगोंग त्सो के दोनों किनारों पर अन्य बफर जोन के पीछे सैन्य और परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है। इन क्षेत्रों को भारत अपना क्षेत्र मानता है। पीएलए सड़कों, पुलों, सुरंगों और हेलीपैड के माध्यम से अपने आगे के स्थानों तक अंतिम-मील कनेक्टिविटी पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। एलएसी के अन्य हिस्सों में नए बंकर, शिविर, भूमिगत आश्रय, तोपखाने की स्थिति, रडार साइट और गोला-बारूद डंप का निर्माण भी हो रहा है। पीएलए की यह बढ़ी हुई गतिविधि विशेष रूप से पूर्वी क्षेत्र, अरुणाचल प्रदेश के तवांग और उत्तरी सिक्किम में नाकू ला में देखी जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में पश्चिमी लद्दाख और मध्य सेक्टर (उत्तराखंड, हिमाचल) में भारी हथियारों के साथ 50,000 से 60,000 पीएलए सैनिक तैनात हैं और साथ ही पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल) में 90,000 सैनिक तैनात हैं।