googleNewsNext

जालंधर में 5 दिन से फ्लाइओवर के नीचे पड़े हैं मज़दूर, गांव वापस जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 24, 2020 03:33 PM2020-05-24T15:33:30+5:302020-05-24T15:33:30+5:30

तपती दोपहर,  सूखे गले और खाली पेट ये मजदूर कुछ ज्यादा नहीं मांग रहे थे. जालंधर में एक फ्लाइओवर के नीचे ये मजदूर 5 दिन से भूखे प्यासे बैठे हैं. सड़क पर हंगामा करने के लिए मजबूर इन मज़दूरों का कहना है कि वो 5 दिन से भूखे प्यासे बैठे हैं. जब खाना मांगने जाते हैं तो बदले में मिलती है लाठी. एक मजदूर की आवाज़ को ग़ौर से सुनिए वो कहता कि पुलिस वाले लाइन में लगाकर हमें मारते हैं. आप जब इन मज़दूरों की तकलीफे सुनेंगे तो आप वंदे भारत, समुद्र सेतु और तमाम सरकारी विज्ञापन भूल जाएंगे, शायद. ये मजदूर अपने घर वापस जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने के इंतज़ार में बैठे हुए हैं. कहते हैं कि हमारे लिए बसों या ट्रेनों का कोई इंतज़ाम नहीं है. 
देश में लॉकडाउन लागू हुए दो महीने हो गये हैं. इस दौरान रोज़गार गया, शहरों में रहना मुश्किल हो गया. कुछ दिन खाली पेट बीते तो मजदूरों को शहरों की चमक चुभने लगी है. वो ये रौनक छोड़कर अपने गांव जाने लगे है. लाखों पहुंच चुके हैं उतने ही अपनी बारी के इंतज़ार में हैं. सरकार स्पेशल श्रमिक स्पेशल ट्रेन , बसें और उनसे ज्यादा विज्ञापन चला रही है. कांग्रेस-बीजेपी आपसे में बस और कागज़ वाला खेल, खेल रहे हैं. लेकिन पंजाब के जालंधर में मज़दूर अपने लिए कागज़ यानि रजिस्ट्रेशन की राह दे रहे हैं. सरकारों के लिए आदमी कम से आंकड़े ज्यादा जरूरी हैं. कोरोनावायरस के चलते देश भर चौथे चरण का लॉकडाउन जारी है जो कि 31 मई तक चलेगा. इसी लॉकडाउन में रोज़ाना पैदल, साइकिल, ठेलों, यहां तक कि सूटकेस पर अपने बच्चे लादकर शाइनिंग करते इंडिया से भारत में घर वापसी करते मजदूरों की शर्मिंदा करने वाली तस्वीरें लोकमत न्यूज आप तक लेकर आता रहता है. घर वापसी के लिए तरसते घिसटते कई मजदूरों ने अपनी जान भी गवां दी है. ये वीडियो आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं. 

टॅग्स :प्रवासी मजदूरकोरोना वायरस लॉकडाउनपंजाब में कोरोनाकोरोना वायरस इंडियाMigrant labourCoronavirus LockdownCoronavirus in PunjabCoronavirus in India