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Farmer Protest: सरकार की Ghazipur Border पर लगवाई गई कीलें रात भर में मोड़ दी गईं| Rakesh Tikait|Ghazipur Border

By गुणातीत ओझा | Updated: February 4, 2021 01:22 IST

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किसान आंदोलनरात भर में मोड़ दी गईं 'सरकारी'  कीलेंदिल्ली और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा लगाई गई नुकीली कीलें एक दिन भी नहीं टिक पाईं। इन कीलों को कई जगहों पर मोड़ दिया गया है। माना जा रहा है कि वहां आने-जाने वाले लोगों या किसानों ने ही इसे मोड़ा है। गाजीपुर व टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या पर ब्रेक लगाने के लिए पुलिस ने रास्तों पर नुकीली कीलें और कंटीले तारों से घेराबंदी की थी। इन जगहों पर की गई बैरिकेडिंग सुर्खियों में छाई हुई है। सीमाओं पर इतने जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम पर विपक्ष ने भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था। राहुल गांधी ने आज बुधवार को मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रदर्शनस्थल की दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग किए जाने की तस्वीरें साझा कर सरकार को सलाह दी थी कि उन्हें 'पुल बनाना चाहिए, दीवारें नहीं।'धरनास्थल पर की गई इस घेरेबंदी पर जब दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव से पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि जब 26 जनवरी को पुलिस के बैरिकेड्स तोड़े गए थे, तब कोई सवाल क्यों नहीं पूछा गया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पुलिस ने सिर्फ अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के मामले में 44 FIR दर्ज की है और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा के दौरान कुल 510 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और उनमें से 144 कर्मी दिल्ली पुलिस की पश्चिमी रेंज के थे। इस हिंसा के बाद एक समय किसान आंदोलन खत्म होता नजर आ रहा था। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सहित अन्य राज्यों से किसानों के वापस आने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया।'राजा जब डरता है तो किलेबंदी करता है'किसान महापंचायत के लिए गाजीपुर बॉर्डर से जींद पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा, 'राजा जब डरता है तो किलेबंदी करता है। मोदी सरकार किसानों के डर से किलेबंदी करने में जुटी है।' टिकैत ने कहा कि किसान इन्हें उखाड़ कर अपने घरों में ले जाएंगे और अपने-अपने गांवों की चौपालों में रखेंगे और आने वाली नस्लों को बताएंगे कि किस प्रकार सरकार ने उनका रास्ता रोकने के लिए प्रोपगेंडे रचे थे। उन्होंने कहा कि यह किलेबंदी एक नमूना है, आने वाले दिनों में गरीब की रोटी पर भी किलेबंदी होगी। टिकैत ने कहा कि किसी भी गरीब की रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसीलिए किसानों ने यह आंदोलन शुरू किया है।
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