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Atal Bihari Vajpayee| Atal Bihari Vajpayee birth anniversary| अटल जी से जब पूछा गया-कुंवारे क्यों हैं?

By गुणातीत ओझा | Updated: December 25, 2020 21:37 IST

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देश की राजनीति (Indian Politics) का महान चेहरा और कुशल वक्ता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) अपनी मुखरता और हाजिर जवाबी की वजह से पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। हर क्षेत्र में उनका स्पष्ट रवैया और बेबाकपन उनके इकलौते अंदाज का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। जब तक उनकी आवाज में दम था वो बोलते रहे और उनके सुनने वालों की संख्या में कभी कमी नहीं आई.. उनके चाहने वालों की संख्या हमेशा बढ़ती ही रही। आज भी हर कोई उनकी प्रशंसा करता है, उनके विरोधी उनका सम्मान करते हैं। आज यानी 25 दिसंबर को उनका जन्मदिन है। आज आज पूरा देश उनकी 96वीं जयंती (Atal Bihari Vajpayee birth anniversary) मना रहा है। उनके जीवन से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं जो हमेशा उनकी याद दिलाते रहते हैं। आज हम आपको अटल जी के कुछ ऐसे ही किस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी चर्चा होते ही अटल यादें जीवंत हो जाती हैं।अटल बिहार वाजपेयी आजीवन कुंवारे रहे। इसको लेकर अकसर उनसे कोई न कोई सवाल भी पूछ लेता था। अटल जी इसका जवाब भी मजे लेकर देते थे। एक बार की बात है जब एक महिला पत्रकार ने अटल जी से पूछ लिया, आप कुंवारे क्यों हैं? अटल ने तत्काल जवाब दिया, आदर्श पत्नी की खोज में। इसपर महिला पत्रकार ने फिर पूछा मिली या नहीं? वाजपेयी फिर बोले- मिली तो थी लेकिन उसे भी आदर्श पति की तलाश थी। ये सुनते ही आसपास के लोग ठहाके लगाने लगे। अटल ऐसे खुशमिजाज नेता थे जो चुनाव हारने के बाद भी मूवी देखने पहुंच जाते थे। जनसंघ के दौरान जब उनको हार मिली तो वह इंपीरियल सिनेमा में मूवी देखने चले गए। वहां उन्होंने फिर सुबह होगी फिल्म देखी। वह लालकृष्ण आडवाणी के साथ फिल्म देखने गए थे।1977 में जब जनसंघ की सरकार बनी तब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बहुत घबराई हुई थीं। उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी सीधा इंदिरा के आवास पर पहुंच गये थे। उन्होंने आश्वासन दिया कि नई सरकार में किसी भी तरह की बदले की कार्रवाई नहीं की जाएगी। उस वक्त लोगों में इंदिरा गांधी के खिलाफ काफी गुस्सा था।अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़े प्रमुख तथ्य-आजीवन अविवाहित रहे।-परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की संभावित नाराजगी से विचलित हुए बिना उन्होंने अग्नि-दो और परमाणु परीक्षण कर देश की सुरक्षा के लिये साहसी कदम भी उठाये।-सन 1998 में राजस्थान के पोखरण में भारत का द्वितीय परमाणु परीक्षण किया जिसे अमेरिका की सीआईए को भनक तक नहीं लगने दी।-अटल सबसे लम्बे समय तक सांसद रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी।-वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया अपितु सफलता पूर्वक संचालित भी किया।-अटल ही पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था।चाहे प्रधानमंत्री के पद पर रहे हों या नेता प्रतिपक्ष, बेशक देश की बात हो या क्रान्तिकारियों की, या फिर उनकी अपनी ही कविताओं की, नपी-तुली और बेबाक टिप्पणी करने में अटल जी कभी नहीं चूके। आइये आपको बताते हैं उनकी यादगार टिप्पणियों के बारे में...अटल जी की यादगार टिप्पणियां"भारत को लेकर मेरी एक दृष्टि है- ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो।""क्रान्तिकारियों के साथ हमने न्याय नहीं किया, देशवासी महान क्रान्तिकारियों को भूल रहे हैं, आजादी के बाद अहिंसा के अतिरेक के कारण यह सब हुआ।""मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावना नहीं। वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते योद्धा का जय-संकल्प है। वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है।"पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वाकपटुता कई बार बड़े-बड़े लोगों की बोलती बंद कर देती थी और अटल जी की वह बात यादगार हो जाती थी। वह ऐसी शख्सियत थे कि उनकी बात का बुरा कोई नहीं मानता था। उनके भाषण पर कई बार विपक्षी दल के नेता भी ताली बजाने लगते थे। 16 अगस्त 2018 को दिल्ली में उनका निधन हो गया था। इससे पहले कई वर्षों तक वह सक्रिय राजनीति से बहुत दूर रहे। काफी समय से उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं था। अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण आज भी लोगों को रोमांचित कर देते हैं।
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