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अपने 7 परिजनों की दर्दनाक हत्या की आरोपी Shabnam को मिलेगी फांसी की सज़ा

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: February 17, 2021 04:42 PM2021-02-17T16:42:22+5:302021-02-17T16:42:47+5:30

आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा. उत्तर प्रदेश के अमरोहा (Amroha) जिले  में रहने वाले शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम (Shabnam) ने 14 अप्रैल, 2008 की रात को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर जो खूनी खेल खेला था, उससे पूरा देश हिल गया था. शबनम और सलीम की बेमेल इश्क की खूनी दास्तां करीब 13 साल बाद फांसी के नजदीक पहुंचती दिख रही है. प्रेम में अंधी बेटी ने माता-पिता और 10 माह के मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों को कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुला दिया था. यह लोग उसके प्यार की राह में रोड़ा बन रहे थे. 
 

मथुरा जेल प्रशासन ने रस्सी का ऑर्डर दे दिया है. निर्भया कांड के दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले पवन जल्लाद ने फांसी घर का जायजा भी लिया है. हालांकि फांसी की तारीख अभी तय नहीं की गई है. अगर शबनम को फांसी होती है तो यह आजाद भारत का पहला मामला होगा. 
 

इस मामले अमरोहा कोर्ट में दो साल तीन महीने तक सुनवाई चली थी. जिसके बाद 15 जुलाई 2010 को जिला जज एसएए हुसैनी ने शबनम और सलीम को तब तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए तब तक उनका दम न निकल जाए का फैसला सुनाया. हालांकि दोषी शबनम ने सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. जहां से सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है.

 

इसके बाद शबनम-सलीम ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी, लेकिन राष्ट्रपति भवन से उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी दी जाएगी. देश में सिर्फ मथुरा जेल का फांसी घर एकलौता जहां महिला को फांसी दी जा सकती है. फिलहाल शबनम बरेली तो सलीम आगरा जेल में बंद है.

महिलाओं की फांसी के लिए प्रदेश में यह एकमात्र जेल है। मथुरा जेल में 1870 में फांसी घर बनाया गया था.  वरिष्ठ जेल अधीक्षक के मुताबिक अभी फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन हमने तयारी शुरू कर दी है. रस्सी के लिए ऑर्डर दे दिया गया है. डेथ वारंट जारी होते ही शबनम-सलीम को फांसी दे दी जाएगी. हालांकि सलीम को फांसी कहां दी जाएगी यह भी अभी तय नहीं है.

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