लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी यूपी में दलित सम्मेलन को संबोधित करते हुए सपा पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सपा के समय में विश्वविद्यालयों से बसपा संस्थापक कांशीराम का नाम तक हटाया गया। इसके साथ ही उन्होंने सपा और बसपा की तुलना रामायण काल के राक्षस 'कालनेमि' से की।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सीएम आदित्यनाथ ने हापुड़ में 136 करोड़ रुपये की 102 योजनाओं का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने दलित परिवारों को भू-स्वामित्व अधिकार देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का उद्घाटन किया जाना है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब सपा और बसपा दलित वोटों की सेंधमारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।
रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हंसी आती है यह देखकर कि कैसे आज कुछ लोग बाबा साहेब अंबेडकर और कांशीराम का नाम लेते हैं। आश्चर्य की बात ये है कि ये लोग कालनेमि की तरह दलितों को धोखा दे रहे हैं।" उन्होंने फिर कहा कि सपा सरकार ने तो एससी और एसटी वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति रोक दी थी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्तव योजना के तहत 66 लाख परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया जा चुका है। वहीं, जो भी परिवार अनुसूचित जाति और जनजाति से आते हैं और वो अनारक्षित जमीन पर रहे हैं तो उन्हें लीज़ पर घर बनाने के लिए जमीन दी जा रही है। इसकी अनुमति प्रदेश सरकार ने दे चुकी है। इनके अलावा जो लोग मालिकाना हक से रहे हैं उनके बेहतर जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि प्रशासन की ओर से अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के गरीब लोगों को विस्थापित नहीं करेगा। बताते चले कि अखिलेश यादव ने रायबरेली में कांशी राम की मूर्ति का अनावरण मार्च, 2023 में किया था। इसके अलावा हाल में हुए घोसी उप-चुनाव में सपा ने जीती थी, जबकि जीत के मुहाने से काफी बसपा काफी दूर रही। इस जीत के पीछे ऐसी धारणा बनी कि चुनाव में दलित मतदाताओं ने भी सपा उम्मीदवार का समर्थन किया और उम्मीदवार को कांग्रेस और रालोद का भी समर्थन प्राप्त था।
कौन था 'कालनेमि'?
कालनेमि एक राक्षस था, जिसने हनुमान को लक्ष्मण को बचाने के लिए जड़ी-बूटी लाने से रोका था। लेकिन, उसका यह प्रयास असफल हुआ और लक्ष्मण वापस से सकुशल बच गए। इस बात का जिक्र रामायण में मिलता है।