"हमारा भी एनकाउंटर हो सकता है...", यूपी पुलिस के देर रात आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को अलग-अलग जेल में शिफ्ट करने पर सपा नेता ने जताई हत्या की आशंका

By अंजली चौहान | Published: October 22, 2023 12:28 PM2023-10-22T12:28:34+5:302023-10-22T12:41:14+5:30

उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 18 अक्टूबर को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराए गए आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल की जेल की सजा और तीनों को 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

UP Police shifted Azam Khan and son Abdullah to separate jails late at night SP leader expressed fear of murder says We may also have an encounter | "हमारा भी एनकाउंटर हो सकता है...", यूपी पुलिस के देर रात आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को अलग-अलग जेल में शिफ्ट करने पर सपा नेता ने जताई हत्या की आशंका

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlightsआजम खान और उनके बेटे को दूसरी जेल में शिफ्ट किया गयाआजम खान का कहना है कि उनका एनकाउंटर हो सकता है

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को यूपी पुलिस ने रामपुर से अलग-अलग जेल में शिफ्ट कर दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ये कार्रवाई शनिवार देर रात की जिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। देर रात आजम खान को शिफ्ट किए जाने के दौरान पत्रकारों को देख आजम खान ने उनसे बात की।

पुलिस की गाड़ी में बैठने से पहले आजम खान ने मीडिया के सामने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा, "हमारे साथ कुछ भी हो सकता है, हमारी यात्रा के बीच ही हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है।" 

दरअसल, उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 18 अक्टूबर को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराए गए आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल की जेल की सजा और तीनों पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। 

आजम खान को जेल से ले जाने का वीडियो भी वायरल हो रहा है। विजुअल्स में दिखाया गया है कि अब्दुल्ला आजम को भारी सुरक्षा के बीच पुलिस वैन में ले जाया जा रहा है। तंजीम फातिमा को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया गया, क्योंकि वह अभी भी रामपुर जेल में हैं।

क्या है पूरा मामला?

गौरतलब है कि रामपुर के एडिशनल एसपी संसार सिंह ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से उन्हें (आजम खान) जेल से शिफ्ट किया गया है। सूत्रों की मानें तो आजम खान को हरदोई जेल और अब्दुल्ला आजम को सीतापुर जेल में शिफ्ट किया जा रहा है। 

कोर्ट के फैसले के बारे में बात करते हुए पूर्व डीजीएस (क्राइम) अरुण सक्सेना ने कहा, "अब्दुल्ला आजम खान के पास दो जन्म प्रमाण पत्र थे। आकाश सक्सेना ने एफआईआर दर्ज की।

जांच के बाद आरोप पत्र दायर किया गया। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, और तीनों लोगों को दोषी पाया गया। दोषसिद्धि बिंदु पर अदालत ने तीनों को अधिकतम सात साल की सजा सुनाई। लगभग 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।"

पूर्व डीजीसी ने आगे कहा कि अब्दुल्ला आजम खान का पहला जन्म प्रमाण पत्र 1 जनवरी 1993 का है, जबकि दूसरा जन्म प्रमाण पत्र लखनऊ से बनवाया गया था, जहां उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 है। 

जानकारी के अनुसार, 26 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता, खान की सही जन्मतिथि से संबंधित प्रश्न को संबोधित करने के लिए जिला न्यायाधीश, मुरादाबाद को भेजा और मामले में आगे के विचार के लिए इस न्यायालय को एक निष्कर्ष भेजा।

अदालत ने कहा था कि याचिकाकर्ता से संबंधित सही जन्मतिथि उठाए गए मुद्दों पर अंतिम विचार करने और किशोरता तय करने के लिए प्रासंगिक है।

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