Lok Sabha Elections 2024: मायावती और अखिलेश समय की व्यवस्था फिर बहाल!, अब से डीएम की अध्यक्षता में ही होगी कानून-व्यवस्था की बैठक, योगी सरकार का फैसला, जानें वजह
By राजेंद्र कुमार | Published: August 31, 2023 06:51 PM2023-08-31T18:51:53+5:302023-08-31T18:53:32+5:30
Lok Sabha Elections 2024: प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि डीएम (जिलाधिकारी) ही जिले के सुपर बॉस होंगे. उनकी अनुमति के बिना कानून व्यवस्था को लेकर कोई फैसला अब पुलिस कप्तान नहीं कर पाएंगे.
लखनऊः लोकसभा चुनावों के पहले सूबे में बदले रहे राजनीतिक माहौल में कानून व्यवस्था को लेकर कोई बखेड़ा ना खड़ा होने पाए इसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क हुई हैं. यूपी से सड़े राज्यों में बीते दिनों हिंसा ही हुई कई घटनाओं के चलते यूपी में भी चौकसी बढ़ानी पड़ी थी. इसी का संज्ञान लेते हुए राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर भी समीक्षा ही गई तो उसमें कई खामियां सामने आयी.
उन्हें दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि डीएम (जिलाधिकारी) ही जिले के सुपर बॉस होंगे. उनकी अनुमति के बिना कानून व्यवस्था को लेकर कोई फैसला अब पुलिस कप्तान नहीं कर पाएंगे. अब से डीएम ही कानून व्यवस्था की बैठक लेंगे. मायावती और अखिलेश यादव की सरकार ने कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने की उक्त व्यवस्था लागू थी.
जिसे योगी सरकार ने बदल दिया था. इस व्यवस्था को गत बुधवार को मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा की अध्यक्षता में सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में बदले जाने का फैसला किया गया. यहीं नहीं इस बैठक के बाद इसे लेकर सूबे के सभी 75 जिलों में नया आदेश भी जारी किया गया.
इस आदेश के बाद जिलों के पुलिस कप्तानों को बड़ा झटका लगा है. अब प्रदेश के 68 जिलों में डीएम को कानून व्यवस्था की बैठक लेने का अधिकार होगा. जबकि लखनऊ, कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी और प्रयागराज जिले में पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
डीएम की मंजूरी से थानाध्यक्ष की तैनाती होगी
इस व्यवस्था के चलते अब जिले में डीएम की मंजूरी के बिना थानाध्यक्ष की तैनाती नहीं होगी. वर्ष 2018 में थानाध्यक्षों की तैनाती को लेकर कई जिलों में डीएम और एसपी (पुलिस अधीक्षक) के बीच विवाद हुआ था. जिसका असर जिले की कानून व्यवस्था पर पड़ा था. जिसके चलते कानून व्यवस्था की बैठक लेने का अधिकार डीएम से ले लिया गया था.
अब भविष्य की चुनौतियों (लोकसभा चुनावों के चलते बदल रहे राजनीतिक माहौल) को देखते हुए योगी सरकार को इस बात की आवश्यकता महसूस हुई है कि जिलों की कमान फिर डीएम को सौंपी जाए. जिसके बाद योगी सरकार ने यह निर्णय लिया है. अब बिना जिलाधिकारी की मंजूरी के थानाध्यक्ष की तैनाती नहीं होगी.
थानाध्यक्ष की नियुक्ति करने में अब डीएम की अनुमति एसपी को लेनी होगी. पहले पुलिस अधीक्षक ही थानों में थानाध्यक्ष की नियुक्ति करते थे. लेकिन अब उन्हें इसके लिए डीएम की अनुमति लेनी होगी। यह आदेश पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली वाले लखनऊ, कानपुर, नोएडा, गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी और प्रयागराज में लागू नहीं होगा. इन जिलों में पुलिस कमिश्नर ही कानून व्यवस्था की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. और उनकी सहमति से ही थानाध्यक्ष की तैनाती होगी.